केदारनाथ-बद्रीनाथ में पूजा, अयोध्या में राम लला के दर्शन, PM मोदी इस साल ऐसे मनाएंगे दिवाली

अयोध्या में छोटी दिवाली पर पीएम मोदी का कार्यक्रम शाम 4.55 बजे शुरू होगा और 07.25 बजे खत्म होगा. इस बीच पीएम रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र साइट का दौरा करेंगे. सरयूजी की घाट पर आरती करेंगे. राम की पैड़ी पर पर दीपोत्सव कार्यक्रम में शामिल होंगे. 

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23 अक्टूबर यानी छोटी दिवाली पर पीएम मोदी अयोध्या जाएंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) इस दिवाली (Diwali 2022) पर भी किसी सरहदी पोस्ट पर जवानों के बीच बिताएंगे. पीएम मोदी इस दौरान केदारनाथ, बद्रीनाथ (Kedarnath and Badrinath) में पूजा करने के साथ अयोध्या (Ayodhya) में राम लला (Lord Ram) के दर्शन करेंगे. इन दोनों जगहों का उनका दौरा 21 अक्टूबर से शुरू होगा. 

यह पहला मौका नहीं है जब पीएम मोदी प्रमुख त्योहार पर फौजियों के बीच रहेंगे. वह ऐसा पिछले आठ साल से करते आ रहे हैं. जब से पीएम चुने गए गए हैं, तब से वह सैनिकों के बीच ही दिवाली मनाते आ रहे हैं.

त्योहार पर पीएम मोदी का पूरा कार्यक्रम
पीएमओ से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 अक्टूबर को देव भूमि उत्तराखंड के दौरे पर रहेंगे. वहां केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में पूजा-अर्चना और दर्शन करेंगे. इसके साथ ही पीएम केदारनाथ में विकास कार्यो की समीक्षा भी करेंगे. प्रधानमंत्री आदि शंकराचार्य समाधि स्थल भी जाएंगे. फिर बद्रीनाथ में विकास संबंधी प्रोजेक्ट की शुरुआत करेंगे. रात में उनका बद्रीनाथ में ही रुकने का प्लान है.

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दीपोत्सव में होंगे शामिल
23 अक्टूबर यानी छोटी दिवाली पर पीएम मोदी अयोध्या जाएंगे. वह वहां राम लला के दर्शन करेंगे और फिर दीपोत्सव में भी शामिल होंगे. 24 अक्टूबर को दिवाली के दिन पीएम सैनिकों के बीच रहेंगे.

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अयोध्या में छोटी दिवाली पर पीएम मोदी का कार्यक्रम शाम 4.55 बजे शुरू होगा और 07.25 बजे खत्म होगा. इस बीच पीएम रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र साइट का दौरा करेंगे. सरयूजी की घाट पर आरती करेंगे. राम की पैड़ी पर पर दीपोत्सव कार्यक्रम में शामिल होंगे. 

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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार मंदिर निर्माण पर करीब 1800 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है. मंदिर साल 2024 के अंत तक पूरी तरह से तैयार हो जाएगा. इस साल के आखिर में गुजरात और हिमाचल में विधानसभा चुनाव होने हैं. वहीं,  साल 2024 में लोकसभा के चुनाव होंगे. ऐसे में बीजेपी सरकार मंदिर निर्माण का काम समय पर पूरा कराना चाहती है.

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राम मंदिर का पूरा परिसर 70 एकड़ में फैला हुआ है. जिसमें से मंदिर परिसर की 50 एकड़ भूमि पर फैली हरियाली के बीच कई ऐसे पेड़ भी दिखाई देंगे, जिनका उल्लेख वाल्मीकि रामायण में मिलता है. मंदिर बनने के बाद भगवान राम के दर्शन करने के लिए भक्तों को 21 फीट ऊंची सीढ़ी चढ़नी होगी, जिसके बाद उन्हें गर्भगृह के दर्शन होंगे. राम मंदिर की नींव तैयार हो चुकी है. मंदिर की 50 नींवों के ऊपर 21 फीट के चबूतरे का पहला लेयर तैयार है. अभी सात लेयर और लगेंगी. हर दिन यहां 80 से 100 पत्थरों को लगाया जा रहा है. 


 

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