प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां अपनी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना से मुलाकात की और संपर्क, ऊर्जा, कारोबार, स्वास्थ्य तथा विकासात्मक सहयोग जैसे क्षेत्रों में हुई प्रगति पर चर्चा की, जिसके बाद दोनों देशों ने द्विपक्षीय सहयोग के क्षेत्रों से जुड़े पांच सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किये. कोरोना वायरस महामारी शुरू होने के बाद से मोदी का यह पहला विदेश दौरा है. उन्होंने हसीना के साथ पहले में बातचीत की जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता हुई जो करीब एक घंटे तक चली.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने वार्ता के बाद ट्वीट किया, “संबंध मजबूत से और मजबूत हो रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने स्वास्थ्य, व्यापार, संपर्क, ऊर्जा, विकासात्मक सहयोग और कई अन्य क्षेत्रों में हुई प्रगति पर चर्चा की.” दोनों देशों ने संपर्क, वाणिज्य, सूचना प्रौद्योगिकी और खेल जैसे क्षेत्रों से संबंधित पांच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया.
वहीं, समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी' की सराहना की. प्रधानमंत्री मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 6 दिसंबर को 'मैत्री दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया है.
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उन्होंने कहा कि तीस्ता मुद्दे पर चर्चा हुई. पीएम मोदी ने समझौते को पूरा करने के लिए भारत के प्रयासों और प्रतिबद्धता को दोहराया. भारतीय पक्ष ने फेनी नदी के पानी के बंटवारे के मसौदे को जल्द अंतिम रूप देने के लिए भी अनुरोध किया. दोनों पक्षों की अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने में रुचि है.
मानवीय पहलू के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी समकक्ष हसीना को 109 एबुलेंस की प्रतीकात्मक चाभी भी सौंपी. उन्होंने हसीना को एक प्रतीकात्मक डिब्बा भी भेंट किया जो भारत द्वारा बांग्लादेश को सौंपी गई कोविड-19 रोधी टीके की 12 लाख खुराकों का प्रतीक है.
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हसीना ने अपने पिता और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्मशती के मौके पर जारी किए गए सोने और चांदी का एक-एक सिक्का मोदी को भेंट किया. उन्होंने बांग्लादेश की 50वीं जयंती के मौके पर जारी चांदी का एक सिक्का भी मोदी को भेंट किया. दोनों नेताओं ने डिजिटल तरीके से कुछ परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया.
मोदी का यह दौरा, शेख मुजीबुर रहमान की जन्मशताब्दी, भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के पचास वर्ष पूरे होने और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के पचास वर्ष पूरे होने से संबंधित है. दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को यहां पहुंचे मोदी ने ढाका में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के स्वर्ण जयंती समारोह और ‘बंगबंधु' की जन्म शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया था.
(भाषा और एएनआई के इनपुट के साथ)