प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थित प्रगति मैदान में पुनर्विकसित अन्तरराष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केंद्र परिसर (आईईसीसी) ‘भारत मंडपम’ को राष्ट्र को समर्पित किया. इस मौके पर पीएम ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोगों की फितरत होती है, हर अच्छे काम को रोकने की और टोकने की.
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थित प्रगति मैदान में पुनर्विकसित अन्तरराष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केंद्र परिसर (आईईसीसी) ‘भारत मंडपम' को राष्ट्र को समर्पित किया और इसे भारतीयों द्वारा अपने लोकतंत्र को दिया एक खूबसूरत उपहार करार दिया.
- इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा और कहा कि ‘नकारात्मक सोच वालों' ने इस परियोजना को भी लटकाने का प्रयास किया लेकिन ‘भारत मंडपम' को देखकर आज हर भारतीय खुशी से भरा हुआ है और गर्व महसूस कर रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि, ‘‘भारत मंडपम आह्वान है भारत के सामर्थ्य का, भारत की नयी ऊर्जा का. यह भारत की भव्यता और इसकी इच्छाशक्ति का दर्शन है.''
- प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली राजग सरकार के तीसरे कार्यकाल में वृद्धि की रफ्तार और तेज होगी और देश दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा.
- प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज वह हासिल कर रहा है जो पहले अकल्पीय था, इसलिए विकसित होने के लिए देश को बड़ा सोचना ही होगा. उन्होंने कहा, ‘‘इसी सिद्धांत को अपनाते हुए भारत आज तेजी से आगे बढ़ रहा है.''
- विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में ‘नकारात्मक सोच वाले लोगों' की कमी नहीं है क्योंकि उन्होंने इस निर्माण को रोकने के लिए भी बहुत कोशिशें की. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जहां सत्य होता है, वहां ईश्वर भी होता है. अब यह सुंदर परिसर आपकी आंखों के सामने मौजूद है.''
- प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों की फितरत होती है, हर अच्छे काम को रोकने की और टोकने की. उन्होंने राजपथ का नाम कर्तव्य पथ किए जाने के दौरान विपक्षी दलों के विरोध की ओर इशारा करते हुए कहा कि उस समय भी अदालत में ना जाने कितने मामले उठाए गए थे.
- पीएम मोदी ने कहा कि, ‘‘लेकिन जब कर्तव्य पथ बन गया वे लोग भी दबी जुबान से कह रहे हैं अच्छा हुआ है जी. देश की शोभा बढ़ाने वाला है. और मुझे विश्वास है कुछ समय बाद भारत मंडपम के लिए भी वह टोली खुल करके बोले या ना बोले लेकिन भीतर से तो स्वीकार करेगी. और हो सकता है किसी समय यहां भाषण देने भी आए.''
- प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर यह घोषणा की कि दिल्ली में दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहलाय बनने जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना के कठिन काल में जब हर तरफ काम रुका हुआ था तब देश के श्रमजीवियों ने दिन-रात मेहनत करके इसका निर्माण पूरा किया है. उन्होंने इसके निर्माण से जुड़े हर श्रमिक का अभिनंदन किया.
- प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ हफ्तों बाद यहीं पर जी-20 से जुड़े आयोजन होंगे और दुनिया के बड़े-बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्ष यहां उपस्थित होंगे. उन्होंने कहा, ‘‘भारत के बढ़ते हुए कदम और भारत का बढ़ता हुआ कद इस भव्य भारत मंडपम से पूरी दुनिया देखेगी. उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया एक दूसरे से जुड़ी हुई है और एक दूसरे पर निर्भर है और वैश्विक स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों की श्रृंखला लगातार चलती रहती है.
- नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ‘‘ऐसे कार्यक्रम कभी एक देश में तो कभी दूसरे देश में चलते रहते हैं. ऐसे में भारत की राजधानी दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक कन्वेंशन सेंटर होना बहुत ही जरूरी था.'' इससे पहले उन्होंने आज सुबह परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना की.
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