आम आदमी पार्टी के लोकसभा सांसद भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है कि उन्होंने तीन कृषि कानून वापस लेने में देरी लगाई है. एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में भगवंत मान ने कहा कि हमने पहले दिन से कहा था. ये मौत के बारे में है. इसमें संशोधन नहीं हो सकता है. ये सिर्फ वापस लिए जा सकते हैं. एक साल लगा दिए प्रधानमंत्री ने कानून वापस लेने में. उन्होंने आगे कहा कि 750 किसानों की इस आंदोलन में जान चली गई. हम मांग करेंगे सबसे पहले इनको श्रद्धांजलि दी जाए. एक साल के दौरान किसानों को देशद्रोही, माओवादी, मवाली और गुंडा सब कहा गया. उसके लिए सरकार माफी मांगे और इसके बाद बिल वापस लें.
उद्योगपतियों से मांगी है माफी
शुरू से ही कृषि कानूनों का विरोध करने वालों भगवंत मान ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो माफी मांगी है. वो शायद किसानों से नहीं मांगी है. वो उद्योगपतियों से मांगी है कि मुझसे गलती हो गई मैं माफी मांगता हूं. मुझसे ये कानून लागू नहीं हो पाए. एक साल में किसानों का जो नुकसान हुआ चाहे जान का या माल का. सरकार उनको मुआवजा दे. MSP गारंटी कानून संभव है और सरकार ने कोई पूरा अनाज नहीं खरीदना होता है. वहीं लखीमपुर खीरी की घटना पर उन्होंने कहा कि इस घटना के दोषी मंत्री को बर्खास्त किया जाए.
पंजाब में CM उम्मीदवार की जल्द करेंगे घोषणा
पंजाब में आप पार्टी की ओर से किसे सीएम पद का उम्मीदवार बनाया जाएगा, इस सवाल पर भगवंत मान ने कहा कि हर पार्टी की अपनी-अपनी रणनीति होती है. AAP पार्टी कांग्रेस, बीजेपी और दूसरी पार्टियों से पहले सीएम कैंडिडेट के नाम की घोषिणा करेगी.