धार्मिक नाम के इस्‍तेमाल पर सियासी पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर अगली सुनवाई 25 नवंबर को

अदालत ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और AIMIM आदि पार्टियों को भी जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया. मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी.

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धर्म परिवर्तन कर जितेंद्र नारायण त्यागी बने सैयद वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दाखिल की है
नई दिल्‍ली:

धार्मिक नाम और प्रतीक वाले चुनाव चिह्नों का इस्तेमाल करने वाली राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को हलफनामा दाखिल करने के लिए और वक्त दिया. अदालत ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और AIMIM आदि पार्टियों को भी जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया. मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी.  दरअसल  धर्म परिवर्तन कर जितेंद्र नारायण त्यागी बने सैयद वसीम रिजवी ने यह याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि धार्मिक नाम या चिह्नों का इस्तेमाल करने वाले राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध लगाया जाए. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राजनीतिक पार्टियों को भी पक्षकार बनाने की इजाज़त दे दी थी.  सितंबर में धार्मिक नामों और चुनाव चिन्ह वाली राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करने को सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया था 

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. मामले में चार हफ्ते में जवाब मांगा गया है. सैयद वसीम रिजवी की याचिका में मांग की गई है कि जो राजनीतिक दल अपने नाम और चुनाव चिन्हों  में धर्म और धार्मिक चिन्ह का उपयोग कर रहे हैं और उन्हें चुनाव लड़ने से रोक दिया जाए, इसमें इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग पार्टी का हवाला दिया गया है. 

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