तेल कंपनियों ने सोमवार को लगातार पांचवे दिन पेट्रोल डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है. इसकी बड़ी वजह अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में कच्चे तेल के इंडियन बास्केट की कीमत में आई गिरावट है. दरअसल, मार्च 2022 की औसत कीमत के मुकाबले अप्रैल 8, 2022 को कच्चे तेल का इंडियन बास्केट करीब 12.57% तक सस्ता हो गया है. अब देश में ट्रांसपोर्टरों की सबसे बड़ी संस्था ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस, सरकार से पेट्रोल डीजल की कीमतों में कटौती की मांग की है.
पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के ताजा आंकड़ों के मुताबिक मार्च, 2022 में अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में कच्चा तेल के इंडियन बास्केट की औसत कीमत $112.87 प्रति बैरल थी, जो 8 अप्रैल, 2022 को घटकर $98.68 प्रति बैरल हो गई है. यानी मार्च के औसत कीमत के मुकाबले 8 अप्रैल को कच्चा तेल के इंडियन बास्केट की कीमत 12.57% कम हो गई. 1 अप्रैल, 2022 से 8 अप्रैल, 2022 के बीच कच्चा तेल करीब 4 फ़ीसदी तक सस्ता हुआ है.
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के महासचिव नवीन गुप्ता ने एनडीटीवी से कहा, "हम सरकार से आग्रह करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में जिस तरह कच्चा तेल सस्ता हुआ है, उसको देखते हुए सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में जो बढ़ोतरी की गई है उसे कुछ कम करे. पेट्रोल डीजल के महंगा होने से छोटे ट्रांसपोर्टरों का बिजनेस बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ है. बढ़ी हुई कीमतों में कटौती जरूरी है".
वहीं पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से आरबीआई पहले ही 2022-23 के दौरान महंगाई दर 5.7 फ़ीसदी तक बढ़ने की आशंका जता चुका है. अब उद्योग जगत को भी राहत की उम्मीद है.
पीएचडीसीसीआई के डिप्टी सेक्रेट्री जनरल डॉ एसपी शर्मा ने कहा, "जिस तरह अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में कच्चा तेल सस्ता हो रहा है, हमें उम्मीद है कि भारत में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी की जाएगी. यह बहुत जरूरी है".
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