संसद मॉनसून सत्र Updates: टीएमसी-बीजेपी सांसदों के बीच आई टकराव की नौबत, राज्‍यसभा की कार्यवाही शुक्रवार तक स्‍थगित

राज्‍यसभा में गुरुवार को उस समय तनाव की स्थिति बन गई जब केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव जब पेगासस पर स्टेटमेंट देने के लिए खडे हुए तो टीएमसी के शांतनु सेन ने उनके हाथ से स्टेटमेंट का पेपर छीनकर फाड़कर उपसभापति की तरफ उछाल दिया. इस पर बीजेपी सांसद भी आक्रामक अंदाज में आगे बढ़े.

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संसद के मॉनसून सत्र की 19 जुलाई से हंगामेदार शुरुआत हुई है (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

Parliament Monsoon Session: संसद के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) में गुरुवार को हंगामे के कारण बार-बार कार्यवाही स्‍थगित करने की नौबत आई. राज्‍यसभा में उस समय तनाव की स्थिति बन गई जब केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव जब पेगासस पर स्टेटमेंट देने के लिए खडे हुए तो टीएमसी के शांतनु सेन ने मंत्री के हाथ से स्टेटमेंट का पेपर छीनकर फाड़कर उपसभापति की तरफ उछाल दिया. इस पर बीजेपी सांसद भी आक्रामक अंदाज में आगे बढ़े. इसे देखते हुए राज्‍यसभा की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्‍थगित करनी पड़ी. उधर, लोकसभा में भी सदस्‍यों के लगातार हंगामे के कारण कार्यवाही स्‍थगित करनी पड़ी. लोकसभा की कार्यवाही के दौरान तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया. स्‍पीकर ओम बिरला ने विपक्ष के हंगामे को अनुचित बताते हुए कहा कि सदन की मर्यादा बनाए रखना विपक्ष की भी जिम्मेदारी है. उन्‍होंने कहा कि लोकतंत्र को सशक्त बनाना हम सब का सामूहिक दायित्व है. जनता ने हमें हंगामा करने और तख्तियां दिखाने के लिए नहीं भेजा है. उन्‍होंने सांसदों से अपील की कि आप सदन के माध्यम से सरकार तक जनता की समस्याएं पहुंचाएं. इसके बाद भी हंगामा जारी रहा, इसे देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने 12 बजे तक कार्रवाई स्थगित कर दी. 12 बजे जब लोस की कार्यवाही शुरू हुई तो फिर विपक्ष का हंगामा शुरू हो गया और कार्यवाही 2 बजे तक स्‍थगित कर दी गई. बाद में लोस की कार्यवाही 4 बजे तक स्‍थगित करनी पड़ी.

सुबह 11 बजे उच्‍च सदन राज्‍यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदस्‍यों ने हंगामा शुरू कर दिया. सभापति वेंकैया नायडू ने विपक्षी सदस्‍यों से अपनी सीट पर वापस जाने की और पोस्‍टर नहीं लहराने की अपील की, लेकिन इसका असर नहीं हुआ. सदस्‍यों के हंगामे के चलते कार्यवाही स्‍थगित करनी पड़ी.दोपहर 12 बजे जब राज्‍यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो प्रश्‍नकाल के दौरान भी हंगामा जारी रहा. इसके चलते राज्‍यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्‍थगित करनी पड़ी.कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुडा और प्रताप सिंह बाजवां ने कहा कि जब तक सरकार कृषि कानून वापस नहीं लेती और सदन में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं कराती हम राज्‍यसभा की कार्यवाही नहीं चलने देंगे.दीपेंद्र ने NDTV से बातचीत में कहा कि हमने पिछले 3 दिनों से लगातार कृषि कानून पर काम रोको प्रस्ताव दिया लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी. सरकार ने किसानों की मांग को मानने से इनकार किया है. किसी मंत्री ने किसानों के प्रति संवेदना नहीं जताई. बाजवां ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री का कहना है कि नए कृषि कानून किसानों के हित में है लेकिन किसान उसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं हमारी मांग है कि सरकार सभी से चर्चा करके नए सिरे से कानून लाए और उसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए.  

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फोन हैकिंग मुद्दे पर भड़के अखिलेश यादव, बोले, BJP सरकार को ही पता नहीं तो...

राज्यसभा में शिरोमणि अकाली दल (SAD) संसदीय दल के नेता बलविंदर सिंह भुंडर ने बाद में बताया कि हमने आज राज्यसभा में तीनों नए कृषि कानून वापस लेने की मांग की. हमने नियम 267 के तहत सदन की तरह कार्रवाई रोककर किसानों के मसले पर चर्चा की मांग की थी लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया. कुछ विपक्षी नेताओं ने Pegasus स्पाइवेयर फोन हैक मामले को भी उठाया.दरअसल, 19 जुलाई से प्रारंभ हुआ मॉनसून सत्र पेगासस जासूसी कांड (Pegasus Spy Case) के कारण अब तक बुरी तरह प्रभावित रहा है. विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अख्तियार किए हुए है. विपक्ष पेगासस स्पाईवेयर विवाद की जांच कराने की मांग कर रहा है लेकिन सरकार इसके लिए रजामंद नहीं है. दूसरी ओर, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्‍सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं होने संबंधी सरकार के जवाब ने भी विपक्ष को नाराज किया है.

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संसद सत्र से ठीक एक दिन पहले पेगासस रिपोर्ट आना कोई संयोग नहीं : सरकार

इससे पहले, गुरुवार को कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर कांग्रेस के सांसदों ने संसद भवन में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया. सदन में अब तक पेगासस जासूसी और महंगाई का मुद्दा मामला छाया रहा और इन मुद्दों पर कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्‍थगित करनी पड़ी है.विपक्ष संसद के मॉनसून सत्र में सरकार को तीन केंद्रीय कृषि कानूनों, पेगासस जासूसी मामला और महंगाई समेत विभिन्न विषयों पर घेरने का प्रयास कर रहा है.तृणमूल कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि वह संसद की कार्यवाही को तब तक बाधित करती रहेगी जब तक सरकार पेगासस जासूसी और निगरानी मामले में लगे आरोपों से बेदाग बाहर नहीं आती और इस पर दोनों सदनों में चर्चा के लिये तैयार नहीं होती. 

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