पेगासस विवाद : जांच आयोग के गठन के खिलाफ याचिका पर SC का केंद्र और बंगाल सरकार को नोटिस

पश्चिम बंगाल सरकार ने शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश, जस्टिस मदन बी लोकुर और कलकत्ता हाईकोर्ट  के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस ज्योतिर्मय भट्टाचार्य को जांच आयोग का सदस्य बनाया है.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को 25 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है
नई दिल्‍ली:

Pegasus scandal: सुप्रीम कोर्ट  (Supreme Court)ने बुधवार को उस याचिका पर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किये जिसमें पेगासस जासूसी विवाद (Pegasus row )के आरोपों की तफ्तीश करने के लिए जांच आयोग गठित करने के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है. प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमना, जस्टिस  सूर्यकांत और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की तीन सदस्यीय बेंच ने याचिका पर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किए हैं और इस मामले को 25 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है. 

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने माना, पेगासस का उपयोग किया गया : पी चिदंबरम

याची की ओर से पेश हुए वकील सौरभ मिश्रा ने बेंच से कहा कि उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जांच आयोग के गठन के लिए जारी अधिसूचना को उसके अधिकार क्षेत्र के आधार पर चुनौती दी है.पीठ ने कहा, “ हम नोटिस जारी कर रहे हैं.” गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश, जस्टिस मदन बी लोकुर और कलकत्ता हाईकोर्ट  के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस ज्योतिर्मय भट्टाचार्य को जांच आयोग का सदस्य बनाया है. इस आयोग के गठन की घोषणा राज्य सरकार ने पिछले महीने की थी. अंतरराष्ट्रीय मीडिया के एक संघ ने खबर दी है कि भारत के 300 से ज्यादा सत्यापित फोन नंबर उस सूची में शामिल थे जिन्हें पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल कर निगरानी के लिए संभावित रूप से रखा गया था.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Saif Ali Khan Attack:Maharashtra की ज़मीन पर छिड़ी है बांग्लादेशी घुसपैठियों के ख़िलाफ़ बड़ी मुहिम!
Topics mentioned in this article