Parliament Monsoon Session Live Update: पेगासस मामले को लेकर संसद के मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) में हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा. हंगामे के कारण दोनों सदनों में लगातार कार्यवाही टालने की नौबत आ रही है. संसद सत्र को शुरू हुए आठ दिन हो चुके हैं लेकिन ज्यादा समय विपक्षी सांसदों के हंगामे और विरोध की ही भेंट चढ़ा है. शुक्रवार को लगातार हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की भी कार्यवाही सोमवार 11 बजे तक स्थगित करनी पड़ी. दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया जब यह नहीं थमा तो कार्यवाही पहले 12 बजे, फिर दोपहर ढाई बजे और इसके बाद पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी . विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा.
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शुक्रवार सुबह 11 बजे तक राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो सभापति वेंकैया नायडू ने कहा, 'मेरे संज्ञान में लाया गया है कि जहां मंत्री बैठे हैं, वहां कुछ विपक्षी सांसद पोस्टर के साथ जाकर सीटियां बजा रहे हैं. मैं चिंतित हूं, आप लोग आखिर सदन को कितने निचले स्तर पर ले जा रहे हैं.' उधर, लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि विपक्ष बिना वजह नॉन इशू को इशू बना रहा है. इसको लेकर पहले ही आईटी मिनिस्टर बोल चुके हैं. सरकार चर्चा को तैयार है जो बीएसी में तय हुआ है. कार्यवाही लगातार बाधित करके सांसदों का हक छीना जा रहा है.यह दुर्भाग्यपूर्ण है. सदन को चलने नहीं दिया जा रहा जबकि सरकार जनता से जुड़े मुद्दे पर बात को तैयार है.संसद में विपक्ष के हंगामे पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि विपक्षी दल हंगामा कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने हमेशा कहा है कि चाहे किसानों का विषय हो या कोई भी और विषय, सरकार संसद में चर्चा के लिए तैयार है. सरकार चर्चा चाहती है लेकिन विपक्ष चर्चा के लिए तैयार नहीं है.विपक्ष को चर्चा के लिए तैयार होना चाहिए. उधर, पेगासस मुद्दे पर लेकर गतिरोध को लेकर तृणमूल कांग्रेस की सांसद शताब्दी राय ने कहा, 'सरकार हम लोगों पर क्यों आरोप लगा रही है. जो बहस विपक्ष मांग रही है सरकार उसको क्यों नही मांग रही है. सरकार अगर सदन चलाना चाहती है तो बहस करा ले.' शताब्दी ने कहा कि आपको याद होगा पहले बीजेपी ने टूजी स्कैम में भी पूरा सेशन सदन नहीं चलने दिया था. उनका कारण था और आज विपक्ष का भी कारण हैं.अगर पेगासस को लेकर हम लोग बोल रहे है उनके पास प्रूफ है कि कुछ नही किया है तो आकर बोले अगर हमारा मुद्दा सही नही है तो ये भी आकर बताए हम लोगों का आकर जवाब दें. मुद्दा खत्म.
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शोर-शराबे के बीच ही सदन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021' पेश किया. वन एवं पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एवं संलग्न क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिये आयोग विधेयक, 2021' पेश किया.आज सुबह कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू की. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शोर-शराबे के बीच ही आधे घंटे तक प्रश्नकाल की कार्यवाही को चलाया. विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहने पर बिरला ने सदन की कार्यवाही को 11 बजकर करीब 30 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिये स्थगित कर दिया. प्रश्नकाल के दौरान शोर-शराबे के बीच ही महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल, वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने अपने-अपने मंत्रालयों से जुड़े पूरक प्रश्नों के उत्तर भी दिए.इससे पहले, अकाली दल और बसपा के सांसदों ने मानसून सत्र के नौवे दिन संसद भवन के गेट नंबर 4 के बाहर किसान बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया. उन्होंने काले कानूनों को वापस लेने की आवाज बुलंद की. अकाली दल इसी मुद्दे पर शनिवार को राष्ट्रपति से मिलेगा. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने किसानों की अनदेखी की तो पश्चिम बंगाल जैसा हाल होगा.
इस बीच, शुक्रवार को पेगासस जासूसी मामला (Pegasus Scandal), किसान आंदोलन और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने संसद के मौजूदा मॉनसून सत्र में आगे सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा की. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में कांग्रेस और समान विचार वाले राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक हुई. बैठक में विभिन्न दलों के दोनों सदनों के नेता और सांसद मौजूद रहे.सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में पेगासस जासूसी मामला, किसान आंदोलन और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर संसद के मौजूदा मॉनसून सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा की गई.बैठक में खड़गे के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और आनंद शर्मा, द्रमुक के टी आर बालू एवं तिरुची शिवा, शिवसेना के संजय राउत, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की वंदना चव्हाण, नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी और कई अन्य राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए.