संसद के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन विपक्ष सांसदों ने प्रदूषण के मुद्दे पर संसद के मकर द्वार पर प्रदर्शन किया. वहीं तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने विजय चौक से संसद तक मनरेगा के मुद्दे पर मार्च किया. मकर द्वार पर प्रदर्शन के दौरान सांसदों ने 'मौसम का मजा लीजिए' वाला पोस्टर हाथ में ले रखा था. गौरतलब है कि हाल ही में पीएम मोदी ने कहा था कि मौसम का मजा लीजिए. विपक्षी सांसद पीएम के उस बयान को लेकर प्रदूषण के मुद्दे पर तंज करते नजर आए.
गौरतलब है कि संसद के इस सत्र का पहला 2 दिन हंगामों के कारण स्थगित हो गया था. तीसरे दिन समान्य तौर पर कामकाज देखने को मिला था. आज सत्र का चौथा दिन है.
Parliament Winter Session Live:
Parliament Winter Session Day 4 Live Updates: नियम 267 पर टकराव
राज्यसभा में गुरुवार को नियम 267 के तहत चर्चा की मांग को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बहस देखने को मिली. नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में महत्वपूर्ण मुद्दों पर तुरंत चर्चा न होने को लेकर गहरी आपत्ति जताई और कहा कि सरकार लगातार संवेदनशील विषयों को टाल रही है.
वहीं, सरकार की ओर से सदन के नेता जे. पी. नड्डा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सरकार ने कभी भी किसी बहस से बचने की कोशिश नहीं की है. राज्यसभा के सभापति ने नियम 267 के अंतर्गत दिए गए नोटिस को अस्वीकार किया और इस संबंध में अपने तर्क भी प्रस्तुत किए.
दरअसल नियम 267 के अंतर्गत सम्बंधित मुद्दे पर तुरंत चर्चा कराए जाने का प्रावधान है. इस नियम के अंतर्गत सदन के अन्य सभी कार्यों को स्थगित करके संबंधित मुद्दे पर चर्चा कराई जाती है. चर्चा के अंत में वोटिंग का भी प्रावधान है. हालांकि संसदीय नियमों व परंपराओं के अनुसार नियम 267 के नोटिस अस्वीकार कर दिए गए.
लगातार दूसरे दिन चल रही है सदन की कार्यवाही
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले 2 दिन खराब होने के बाद बुधवार और गुरुवार को सदन में व्यवधान नहीं देखने को मिला. गुरुवार को भी प्रश्न काल की कार्यवाही अच्छे से चली. हालांकि सदन में सदस्यों की उपस्थिती कम देखने को मिली है.
प्रदूषण के मुद्दे पर हुए प्रदर्शन में सोनिया गांधी ने भी लिया हिस्सा
संसद के मकर द्वार पर विपक्षी सांसदों का प्रदर्शन
लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है: प्रियंका गांधी
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रदूषण के मुद्दे पर विपक्ष के प्रदर्शन के बीच गुरुवार को कहा कि बाहर का हाल देखिए. जैसा सोनिया जी ने कहा, बच्चे सांस नहीं ले पा रहे हैं. उन्हें टीबी है, और उनके जैसे बुज़ुर्गों को सांस लेने में तकलीफ़ हो रही है. साल दर साल हालात बदतर होते जा रहे हैं. हर साल सिर्फ़ बयानबाज़ी होती है, कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती. हम सबने कहा है कि सरकार को कार्रवाई करनी होगी और हम सब उनके साथ खड़े हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि ये कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है कि हम एक-दूसरे पर उंगली उठाएं..."
प्रदूषण के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने किया प्रदर्शन
झूठ का हो गया पर्दाफाश: प्रियंका चतुर्वेदी
सरकार द्वारा संचार साथी ऐप की अनिवार्य प्री-इंस्टॉलेशन हटाने पर, शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "मैं इसका स्वागत करती हूं. जब मैंने यह मुद्दा उठाया था, तब मैं बार-बार कह रही थी कि किसी भी ऐप, खासकर सरकारी ऐप, को प्री-लोड करना संविधान के विरुद्ध है. यह लोगों की निजता का हनन है. अगर हम सुप्रीम कोर्ट जाते, तो अदालत इसे खारिज कर देती और इसे हटाने का निर्देश जारी कर देती.
जब यह मुद्दा उठाया गया था, तब दूरसंचार मंत्री ने कहा था कि यह एक अनावश्यक विवाद है. जब उनके झूठ का पर्दाफाश हुआ, तो उन्होंने इसे वापस ले लिया. यह स्पष्ट है कि एक प्रयोग किया जा रहा था.
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने पर प्रियंका गांधी ने क्या कहा?
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होकर 90 के पार जाने पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "मनमोहन सिंह सरकार के दौरान जब डॉलर की कीमत (रुपये के मुकाबले) ऊंची थी, तब वे क्या कहते थे? आज उनकी प्रतिक्रिया क्या है? उनसे पूछिए। आप मुझसे क्यों पूछ रहे हैं?"
सपा सांसद के बयान पर जारी है विवाद
रामपुर से सपा सांसद मोहिब्बुल्लाह नदवी के लोकसभा में दिए गए बयान पर विवाद जारी है. उन्होंने कहा कि "जुल्म होगा तो जिहाद होगा," जिस पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी नेताओं ने इसे आतंकवादी सोच को बढ़ावा देने वाला और संविधान पर हमला बताया है.
संचार साथी ऐप पर सरकार ने क्या कहा?
लोकसभा में संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि Sanchar Saathi ऐप के जरिए जासूसी संभव नहीं है. उन्होंने बताया कि सरकार ऐप की अनिवार्य प्री-इंस्टॉलेशन पर जनता की राय के आधार पर संशोधन को तैयार है. सिंधिया ने ऐप की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि अब तक 26 लाख चोरी हुए फोन ट्रेस किए गए हैं.
संसद में कांग्रेस से दूरी बना रही है ममता बनर्जी की पार्टी?
कांग्रेस और टीएमसी का रिश्ता एक अबूझ पहली रही है । बंगाल में लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव , दोनों दल कभी एक साथ चुनाव नहीं लड़ते लेकिन कहने के लिए दोनों इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं. यही विरोधाभास अब संसद में भी देखने को मिलेगी.
पिछले कई संसद सत्रों से ये परिपाटी चली आ रही है कि सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सभी विपक्षी नेता एक बैठक करते हैं जिसमें संसद में रणनीति पर विचार किया जाता है. ज़्यादातर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन इमारत में मौजूद कमरे में होने वाली इस बैठक में सभी विपक्षी दलों , ख़ासकर इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के नेता शामिल होते हैं. इसमें कांग्रेस के अलावा टीएमसी , समाजवादी पार्टी और डीएमके जैसी तमाम विपक्षी पार्टियां शामिल हैं. लेकिन अब इसमें दरार पड़ती दिख रही है.