संसद के मॉनसून सत्र में बुधवार को जनरल इंश्योरेंस अमेंडमेंट बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष के कुछ सांसदों ने बिल की कॉपी फाड़ कर चेयर पर फेंक दी. इसके कारण कार्यवाही बाधित हुई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बिल सदन में पेश किया था जिसका विपक्ष ने विरोध किया. राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने कहा कि पूरा देश देख रहा है कि किस तरह जनरल इंश्योरेंस बिल लाया जा रहा है. सांसद सुखेंदु शेखर रे ने कहा कि हम जनरल इंश्योरेंस अमेंडमेंट बिल का विरोध करते हैं.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेके ओ ब्रायन ने इससे पहले कहा कि मोदी-शाह का गुजरात मॉडल अब दिल्ली में भी लाया जा रहा है. राज्यसभा टीवी यह नहीं दिखा रहा कि सदन में सांसदों से अधिक सिक्युरिटी गार्ड्स हैं क्योंकि सरकार इंश्योरेंस बिल को लाना चाहती है.
इससे पहले, उच्च सदन यानी राज्यसभा ने 127वें संविधान संशोधन बिल (127th Constitution Amendment Bill) को मंजूरी दी, इसके तहत राज्यों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सूची (OBC List) तैयार करने का अधिकार दिया गया है. सभी दलों ने इस बिल को समर्थन देने का ऐलान किया था. लोकसभा पहले ही इस बिल को मंजूरी दे चुकी है. राज्यसभा में ओबीसी बिल पर हुए बहस का जवाब देते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि बिल का जिस तरह से समर्थन किया गया है, यह एक ऐतिहासिक दिन है. उन्होंने कहा कि 50% आरक्षण की सीमा पर चर्चा होनी चाहिए विशेषकर इसलिए कि यह सीमा 30 साल पहले लागू की गई थी.