संसद का मॉनसून सत्र आज अपने तय समय से चार दिन पहले, अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. दोनों सदनों को आज दोपहर अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. ऐसा 7वीं बार हुआ है जब संसद सत्र को नियत समय से पहले स्थगित किया गया है. सूत्रों ने संकेत दिया कि इस बार ज्यादातर विधायी एजेंडा पूरा हो गया है. सूत्रों ने बताया, "कई सांसदों के अनुसार, इस सप्ताह के शेष पांच दिनों में से दो दिन का अवकाश है." मंगलवार 9 अगस्त को मोहर्रम है जबकि 11 अगस्त को रक्षा बंधन है, इन दो दिन संसद की छुट्टी रहेगी. ऐसे में त्योहार के पहले सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र वापस लौटना चाहते हैं. सरकार के अनुसार, विधायी एजेंडा पूरा होने के बाद सत्र को 'छोटा' करने के लिए सदस्यों की मांग पर सहमति बनी.
हालांकि चार सप्ताह में से एक सप्ताह ही सदन का कार्य सुचारू रूप से संचालित किया गया. मूल्यवृद्धि मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के चलते शुरुआत दो सप्ताह में संसद की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई थी. सदन को स्थगित करने से पहले, अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि लोकसभा ने 16 दिन तक बैठक की और सात कानून पारित किए. उधर, राज्यसभा में निवृत्तमान चेयरमैन वेंकैया नायडू ने बताया कि उच्च सदन में 38 घंटे काम हुआ जबकि 47 घंटे से अधिक समय हंगामे की भेंअ चढ़ गया. तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन ने हालांकि इस फैसले के लिए सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट किया, "यह सातवीं बार है जब संसद सत्र को 'छोटा' किया गया है. "
पिछले कुछ सत्रों से विपक्ष लगातार यह शिकायत करता आ रहा है कि सरकार ने समय की कमी का हवाला देते उन मुद्दे पर चर्चा से इनकार किया है जिस बारे में उसने ध्यान दिलाया है.
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