साइबर सिटी गुरुग्राम (Gurugram) में कोरोना (Coronavirus) मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ऑक्सीजन (Oxygen) की भी भारी किल्लत देखने को मिल रही है, ऐसे में आईएमटी मानेसर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन (IMT Manesar Industrial Association) ने ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए आईएमटी उद्योगों से ऑक्सीजन गैस सिलेंडर उठाकर जिला प्रशासन को दिए हैं. आईएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन की ओर से स्टार स्पेशल एयर गैस प्राइवेट लिमिटिड कंपनी ने 10 हजार लीटर ऑक्सीजन गैस देने में मदद की है. यह ऑक्सीजन गैस गुरुग्राम के डिप्टी कमिश्नर डॉक्टर यश गर्ग को प्राइवेट व सरकारी हॉस्पिटल में वितरित करने के लिए दी गई है, ताकि कोरोना के मरीजों की जान बचाने में यह ऑक्सीजन काम आ सके.
आज पूरा हरियाणा प्रदेश ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा है. अगर पूर्व में कभी भी किसी सरकार ने या किसी बड़े अधिकारी ने किसी भी महामारी के समय में ऑक्सीजन की कमी के बारे में सोचा होता तो शायद आज ये नौबत नहीं आती, यह कहना है आईएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन यादव का. उन्होंने कहा कि जहां सरकारी कंपनियां ट्रैक्टर, घड़ियां, खाद बना सकती हैं तो एक सरकारी कंपनी को मेडिकल ऑक्सीजन बनाने के लिए भी प्लांट लगाना चाहिए था, ताकि इस कोरोना महामारी में वह ऑक्सीजन प्लांट हरियाणा की जनता के लिए मददगार साबित होता और उसका परिणाम यह होता कि आज इस महामारी में हरियाणा प्रदेश ऑक्सीजन की कमी से नहीं जूझ रहा होता और हरियाणा सरकार की कंपनी हरियाणा में सभी अस्पतालों को सेवा दे रही होती.
हरियाणा में पानीपत में ऑक्सीजन बनाने का विदेशी कंपनी का एक ही प्लांट है, जो प्रतिदिन 240 टन ऑक्सीजन का उत्पादन करता है, जिसमें से 150 टन वह दिल्ली सरकार को देती है और हरियाणा की जरूरत पूरी नहीं हो पाती. हरियाणा के लगते हुए भिवाड़ी में अन्य विदेशी कंपनी का ऑक्सीजन बनाने का प्लांट है, जो लगभग 100 टन प्रतिदिन उत्पादन करता है. उसका पूरा कंट्रोल राजस्थान सरकार ने अपने हाथ में ले लिया है और वह प्लांट सिर्फ राजस्थान सरकार के लिए ही राजस्थान की जनता को सेवा दे रहे हैं.
पवन यादव ने कहा कि हरियाणा में जो प्लांट है, उससे दिल्ली व अन्य प्रदेशों को जा रही है, जिस वजह से हरियाणा में ऑक्सीजन प्लांट होने के बाद भी हरियाणा के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी है. हरियाणा सरकार को पानीपत में जो विदेशी कंपनी का प्लांट है, उस प्लांट को राजस्थान की तर्ज पर ही अपने नियंत्रण में ले लेना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली के चारों तरफ भिवाड़ी, नोएडा, मोदीनगर, देहरादून में भी अलग-अलग कंपनियों के प्लांट हैं तो दिल्ली को चारों तरफ से गैस लेनी चाहिए न कि हरियाणा के एक ही प्लांट से. इस वजह से हरियाणा प्रदेश की ऑक्सीजन की पूरी व्यवस्था खराब हो रही है और आज हालात यह है कि चारों तरफ अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत है.
दिल्ली एनसीआर में ऑक्सीजन बनाने के लिए लगभग सभी प्लांट विदेशी कंपनियों के हैं, जिसमें मुख्यतः हरियाणा में पानीपत, राजस्थान में भिवाड़ी, उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा और मोदी नगर, उत्तराखंड में देहरादून, मुख्य भूमिका निभा रहे हैं. इन सभी प्लांट्स ने अब सरकार के निर्देश के बाद उद्योगों को गैस देना बंद कर दिया है और सिर्फ मेडिकल ऑक्सीजन ही सप्लाई कर रहे हैं लेकिन उसके बाद भी ऑक्सीजन की कमी है.
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कहीं ना कहीं वितरण भी सही नहीं है, जिससे हरियाणा में 240 टन प्रतिदिन का उत्पादन होने के बाद भी गैस अन्य प्रदेशों को दिए जाने से हरियाणा में दिक्कत है, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार के दोनों प्लांट राज्य सरकार के नियंत्रण में हैं, राजस्थान के सभी ऑक्सीजन प्लांट को राजस्थान सरकार ने अपने नियंत्रण में लिया हुआ है. भिवाड़ी प्लांट से प्रतिदिन लगभग 120 टन ऑक्सीजन का उत्पादन होता है. देहरादून प्लांट से लगभग 100 टन ऑक्सीजन प्रतिदिन का उत्पादन होता है. ग्रेटर नोएडा और मोदीनगर के प्लांट को मिलाकर लगभग 200 टन ऑक्सीजन प्रतिदिन उत्पादन होता है.
आईएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन यादव ने बताया इस समय मानेसर के सभी गैस प्लांट, जिनको भिवाड़ी से ऑक्सीजन आती थी, उन्होंने साफ इनकार कर दिया है कि हम हरियाणा प्रदेश को गैस आपूर्ति नहीं दे सकते क्योंकि राजस्थान सरकार ने इनके प्लांट पर पूरा नियंत्रण कर लिया है. जिस वजह से गुड़गांव के अस्पतालों में गैस की आपूर्ति बाधित हो रही है. हमारा सुझाव है कि सरकार हरियाणा के पानीपत में जो ऑक्सीजन गैस का प्लांट है, उसका नियंत्रण ले, जिसे हरियाणा के सभी अस्पतालों को गैस की सप्लाई दी जा सके.
उन्होंने कहा कि सरकार को कुछ नए प्लांट लगाने पर भी काम करना चाहिए क्योंकि यह महामारी कितनी देर की है, किसी को नहीं पता, तो भविष्य में कम से कम 2 महीने या 3 महीने में अगर 2-3 नए प्लांट लग जाए, जो 200 से 300 टन गैस का प्रतिदिन उत्पादन कर सके, जिससे हरियाणा प्रदेश में ऑक्सीजन की सप्लाई पूरी हो जाएगी व अन्य प्रदेशों के लिए मदद कर पाएंगे. हरियाणा प्रदेश को किसी न किसी बड़े उद्योगपति के साथ बैठकर यह प्रयास करना चाहिए, जो भविष्य की तैयारी होगा.
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