ऑक्‍सीजन संकट: दो अस्‍पतालों की अर्जी पर HC में सुनवाई, केंद्र ने कहा-व्‍यवस्‍था बनाई है जिस पर सब हैं तैयार

दिल्ली के बत्रा अस्पताल और ब्रह्म हेल्थकेयर की ओर से यह अर्जी दाखिल की गई हैं. ब्रह्म केयर की ओर से कहा गया कि उसके पास तीन घंटे की ऑक्सीजन बची है है जब‍कि 90 मरीज हैं.

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कोरोना मामले बढ़ने के बीच कई अस्‍पताल ऑक्‍सीजन की कमी का सामना कर रहे हैं (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्ली:

दिल्ली के दो अस्पतालों की ओर से ऑक्‍सीजन की कमी को लेकर दाखिल की गई याचिकाओं पर दिल्‍ली हाईकोर्ट में शु्क्रवार को सुनवाई हुई. दिल्ली के बत्रा अस्पताल और ब्रह्म हेल्थकेयर की ओर से यह अर्जी दाखिल की गई हैं. सुनवाई के दौरान एसजी ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से व्‍यवस्‍था तैयार की गई है. इससे पहले, ब्रह्म केयर की ओर से कहा गया कि उसके पास तीन घंटे की ऑक्सीजन बची है है जब‍कि 90 मरीज हैं. इस पर दिल्ली सरकार ने कहा कि हमने व्यवस्था की है ताकि अस्पतालों को हाईकोर्ट ना आना पड़े. सब कुछ ठीक करने के लिए समय लगेगा और सीएम की प्रधानमंत्री के साथ बैठक हुई है. इसके अलावा रेलवे से भी बात हो रही है और सही दिशा में काम चल रहा है. 3-4 दिन में ओडिशा और पश्चिम बंगाल से ऑक्सीजन आ जाएगी.

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मामले में केंद्र का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, पीएम और सीएम की बैठक हुई है. केंद्र सरकार ने व्यवस्था तैयार की है. नोडल अफसर बनाया है, जिस पर सब तैयार हो गए हैं. उन्‍होंने कहा, 'पीएम ने एक बैठक की है. जगह-जगह व्यवस्था है. दिल्ली सरकार और केंद्र इकाई के लिए एक नोडल अधिकारी है. वे बातचीत करते हैं. पीएम ने सभी सीएम को ऑक्सीजन के परिवहन में हस्तक्षेप नहीं करने के लिए कहा  है. मान लीजिए, चेन्नई स्टॉक दिल्ली में आ रहा है और यह यूपी या हरियाणा से गुजरता है. हरियाणा इसे रोक देता है- चाहे 'ए' हो या 'बी', ये नहीं रोका जाएगा.संवैधानिक रूप से अर्धसैनिक बलों को भेजना अकल्पनीय है. पहले नौकरशाही स्तर की बातचीत है फिर राजनीतिक, कार्य पालिका स्तर पर. मैंने विस्तृत निर्देश नहीं लिया है लेकिन मुझे बताया गया है कि हर कोई सहमत हो गया है, रास्ता रोका नहीं जाएगा.' 

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एसजी तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र ने राज्यों के नोडल अफसरों के संपर्क के लिए वर्चुअल कंट्रोल रूम बनाया है, जिसमें वरिष्ठ अफसर शामिल हैं. गृह मंत्रालय ऑक्सीजन के फ्री मूवमेंट पर नजर रखे है. राज्यों के चीफ सेकेट्री से बातचीत हो रही है. अस्पतालों को नोडल अफसरों से बात करने को कहा जाए. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने इस पर सहमति जताई कि नोडल अफसर से संपर्क करना बेहतर रहेगा.

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