केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने ईंधन और शराब की बिक्री पर उपकर लगाने संबंधी बजट प्रस्तावों को वापस लेने से वाम सरकार के इनकार के खिलाफ प्रदर्शन करने को लेकर कांग्रेस नीत विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) पर बृहस्पतिवार को निशाना साधा. केरल के बजट में ईंधन एवं शराब पर घोषित किये गये कर प्रस्तावों एवं सामाजिक सुरक्षा उपकर को वापस लेने से वाममोर्चा सरकार के इनकार करने के विरोध में यहां यूडीएफ के विधायकों ने बृहस्पतिवार को सत्र में हिस्सा लेने के लिए विधानसभा तक पैदल मार्च किया.
यूडीएफ विधायकों के हाथों में तख्तियां थीं और उन्होंने महंगाई से त्रस्त जनता को कोई राहत नहीं देने को लेकर पिनराई विजयन सरकार के विरूद्ध नारेबाजी की. इस बीच मुख्यमंत्री विजयन ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि यूडीएफ केरल के प्रति केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के प्रतिशोधी रवैये पर चुप है. बजट में नए कर प्रस्तावों और सामाजिक सुरक्षा उपकर को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को राज्य के लोगों के समग्र कल्याण के लिए ऐसा कदम उठाना पड़ा.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम इस तरह के उपायों को अपनाने के लिए मजबूर हैं क्योंकि हम इसके बिना आगे नहीं बढ़ सकते. बजट के प्रस्ताव आम लोगों के लिए कोई समस्या पैदा करने के लिए नहीं हैं, बल्कि उन्हें बेहतर जीवन और सुविधाएं प्रदान करने के लिए हैं.'' उन्होंने कहा कि पहले संसाधन जुटाने के अन्य स्रोत थे, लेकिन केंद्र द्वारा लगाए गए अनुचित प्रतिबंधों के कारण ऐसे सभी स्रोत अब समाप्त हो गए हैं. उन्होंने विपक्ष और मीडिया के एक वर्ग पर राज्य की आर्थिक स्थिति के बारे में झूठा प्रचार करने का आरोप लगाया और कहा कि केरल कर्ज के जाल में नहीं फंसा हुआ है जैसा कि उनके द्वारा प्रचारित किया जा रहा है.
विजयन ने बताया कि 2020-21 से 2023-24 तक चार साल की अवधि के दौरान राज्य के ऋण-जीडीपी अनुपात में 2.46 प्रतिशत की गिरावट आई है. उन्होंने विपक्ष के उन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि राज्य सरकार कर संग्रह की कवायद में विफल रही है. उन्होंने कहा कि जब से उनकी सरकार सत्ता में आई है तब से कर राजस्व की वार्षिक वृद्धि दर 20 प्रतिशत से अधिक रही है.
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