राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था श्रीलंका के रास्ते पर नहीं जाएगी. हालांकि, उन्होंने तेजी से घटते विदेशी मुद्रा भंडार और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट पर चिंता व्यक्त की. पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने अभियान के तहत कांग्रेस विधायकों से मिलने के लिए मध्य प्रदेश की राजधानी के अपने दौरे के दौरान पत्रकारों से यह बात कही.
उन्होंने कहा, ‘‘ भारत उस रास्ते पर नहीं जाएगा जिस रास्ते पर श्रीलंका जा रहा है. हमारी अर्थव्यवस्था एक या दो उद्योगों पर आधारित नहीं है. श्रीलंका की अर्थव्यवस्था मुख्य रुप से पर्यटन पर आधारित थी, जो कि कोविड-19 की चपेट में था. चाय बाजार भी प्रभावित हुआ. हमारे साथ ऐसी स्थिति नहीं है.'' सिन्हा ने कहा, ‘‘ लेकिन, मैं आपको एक और आंकड़ा देना चाहता हूं. कुछ दिन पहले हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 641 अरब डॉलर का था. रुपये की गिरावट को बचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने 45 अरब डालर खर्च कर दिए... एक गंभीर स्थिति बन रही है. हमारा विशाल विदेशी मुद्रा भंडार बहुत तेजी से घट रहा है.''
उन्होंने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपया गिर रहा है और यह 79.86 के आंकड़े पर पहुंच चुका है. उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार को जवाब देना चाहिए. 2014 में डॉलर के मुकाबले रुपया 58.44 पर था, जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने... वह पहले कहते थे कि अगर ( पूर्व पीएम) मनमोहन सिंह इतने बुद्धिमान हैं, तो क्यों रुपये का मूल्य गिर रहा है.'' पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोई बाजार से कभी नहीं लड़ सकता.
उन्होंने कहा, ‘‘ अगर बाजार ठान लेता है कि रुपया डॉलर के मुकाबले 85 पर जाएगा, तो आप इससे लड़ नहीं सकते भले ही आप विदेशी भंडार खर्च कर लें.'' राज्यों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में सिन्हा का अपने गृह राज्य बिहार और झारखंड में जनप्रतिनिधियों से मिलने का कार्यक्रम है.
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