दुनिया के पहले परमाणु बम के मास्टरमाइंड रॉबर्ट ओपेनहाइमर की बायोपिक शुक्रवार को रिलीज़ हो गई, और फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा दी है. क्रिस्टोफर नोलन के महाकाव्य पर आधारित इस फिल्म का एक दृश्य कुछ भारतीय फिल्म प्रेमियों को पसंद नहीं आया है. भारत सरकार के सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने 'सेव कल्चर सेव इंडिया फाउंडेशन' की एक प्रेस विज्ञप्ति साझा करते हुए कहा, "कोई भी हैरान है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) इस दृश्य के साथ फिल्म को कैसे मंजूरी दे सकता है."
फिल्म के इस कंट्रोवर्शियल सीन में रॉबर्ट ओपेनहाइमर (सिलियन मर्फी) सेक्स करते समय भगवद् गीता पढ़ रहा है.
सेव कल्चर सेव इंडिया फाउंडेशन के प्रेस बयान में कहा गया है कि फिल्म के एक सीन में दिखाया गया है कि एक महिला एक पुरुष को संभोग करते समय जोर-जोर से भगवद् गीता पढ़वाती है... इसकी तत्काल आधार पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जांच की जानी चाहिए और इसमें शामिल लोगों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए.
ओपेनहाइमर क्रिस्टोफर नोलन द्वारा निर्देशित आर-रेटिंग वाली पहली फिल्म है, लेकिन स्टूडियो द्वारा इसकी लंबाई कम करने के लिए सेक्स सीन के कुछ शॉट्स काटने के बाद भारत के सेंसर बोर्ड ने फिल्म को यू/ए रेटिंग दी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कट्स स्टूडियो ने खुद ही इन सीन्स को हटाया, क्योंकि उन्हें नहीं लगा था कि सेंसर बोर्ड इस सीन की इजाजत देगा.
फिल्म को समीक्षकों से शानदार रेटिंग दी है. NDTV के लिए अपनी समीक्षा में फिल्म समीक्षक सैबल चटर्जी ने फिल्म को 5 में से 4.5 स्टार दिए और उन्होंने लिखा- ओपेनहाइमर मानवीय प्रयास और महत्वाकांक्षा की सीमाओं की परीक्षा का एक उत्कृष्ट संयोजन है.
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