ऑपरेशन सिंदूर पर DGMO ने सोमवार को एक बार फिर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच कई नई जानकारियां भी दी. डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि संघर्ष के दौरान कभी भी ऐसा मौका नहीं आया कि पाकिस्तानी एयर फोर्स हमारी डिफेंस को भेदकर अंदर घुस पाए और हमारे एयरबेस को टारगेट कर पाए.
उन्होंने इस उदाहरण के जरिए कहा कि अगर कोई एक लेयर को पार कर भी गया तो टारगेट हिट करने से पहले आगे का डिफेंस उसको जरूर गिरा देगा. लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा कि पाकिस्तान के एयरफील्ड की दुर्दशा लोगों ने देख ही ली है, जबकि हमारी सभी एयरफील्ड हर तरह से ऑपरेशनल हैं.
देश के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता की जानकारी साझा करते हुए विराट कोहली के रिटायरमेंट की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि विराट कोहली ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया है, वह मेरे भी पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि हमें एयर डिफेंस की कार्रवाई को एक कॉन्टेक्स में समझने की जरूरत है. पहलगाम तक पाप का घड़ा भर चुका था. हमने पूरी तैयारी पहले ही कर ली थी और कार्रवाई की गई.
डीजीएमओ ने कहा, "हमें उम्मीद थी कि पाकिस्तान सीमा पार से हमला करेगा. हमने अपनी वायु रक्षा प्रणाली तैयार कर ली थी. हमारे पास काउंटर-मैन्ड एरियल सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के साधन और वायु सेना की प्रणालियों के साथ वायु रक्षा हथियारों का एक अनूठा मिश्रण है. जब 9-10 मई की रात को पाकिस्तान ने हमारे एयरफील्ड और लॉजिस्टिक प्रतिष्ठानों पर बार-बार हमला किया, तो वे इस मजबूत वायु रक्षा ग्रिड के सामने विफल हो गए. पाकिस्तान के पास बहु-स्तरीय वायु रक्षा को भेदने का कोई मौका नहीं था."
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने इस लड़ाई को अपनी लड़ाई बना ली, इसलिए उनको जवाब देना जरूरी था. हमारा डिफेंस सिस्टम काफी मजबूत है, जिसे पार करना दुश्मन के लिए नामुमकिन था.
उन्होंने रामचरित मानस के सुंदर कांड की पंक्तियों का जिक्र करते हुए कहा, "विनय न मानत जलधि जड़, गए तीन दिन बीति, बोले राम सकोप तब भय बिनु होय ना प्रीति." इन पंक्तियों के जरिए उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि भारत की शांति और संयम को उसकी कमजोरी न समझा जाए. उनके इस कथन ने हर भारतीय के मन में गर्व और आत्मविश्वास जगाया.