यूक्रेन-रूस युद्ध (Ukraine-Russia War) में यूक्रेन में फंसे भारतीयों में से 249 लोगों का एक दल आज ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) के तहत पांचवीं फ्लाइट से नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचा. इन सभी को रोमानिया के बुखारेस्ट एयरपोर्ट से लाया गया है. वतन लौटे यात्रियों ने यूक्रेन से सुरक्षित निकासी के लिए भारतीय दूतावास के अधिकारियों की प्रशंसा की है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया है कि ऑपरेशन गंगा के तहत हंगरी के शहर बुडापेस्ट से 240 भारतीयों को लेकर एयर इंडिया की छठी फ्लाइट ने उड़ान भर दी है.
यूक्रेन से दिल्ली पहुंचे एक छात्र ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, "सरकार ने हमारी बहुत मदद की है. भारतीय दूतावास द्वारा हर संभव सहायता प्रदान की गई. सबसे बड़ी समस्या सीमा पार करना है. मुझे उम्मीद है कि सभी भारतीयों को वापस लाया जाएगा. कई और भारतीय अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं."
यूक्रेन-रूस संकट के बीच, यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों को सरकारी अधिकारियों के साथ पूर्व समन्वय के बिना किसी भी सीमा चौकियों पर नहीं जाने की सलाह दी है.
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग के बीच 15 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. इन्हें स्वदेश लाने के लिए ऑपेरशन गंगा जारी है. इसके तहत अब तक एयर इंडिया की 5 फ्लाइट से 1100 से ज्यादा छात्र-छात्राओं समेत भारतीय नागरिकों को भारत लाया जा चुका है. हालांकि, अभी भी हज़ारों भारतीयों को घर वापसी का इंतज़ार है.
इससे पहले भी रोमानिया से 219 छात्र-छात्राओं को लेकर शनिवार रात जब एयर इंडिया का विमान मुंबई पहुंचा तो छात्रों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने छात्रों का स्वागत किया.
यूक्रेन में फंसे भारतीयों को पोलैंड तक लाने के लिए की गई बसों की व्यवस्था
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “हम यूक्रेन से भारतीय नागरिकों की निकासी के मामले में प्रगति कर रहे हैं. हमारी टीमें 24 घंटे काम कर रही हैं. मैं व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहा हूं.” उन्होंने कहा कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए एयर इंडिया रोमानिया के बुखारेस्ट और हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट से उड़ानें संचालित करती रहेंगी.
मालूम हो कि यूक्रेन के हवाई क्षेत्र को 24 फरवरी की सुबह नागरिक विमानों के संचालन के लिए बंद कर दिया गया था. ऐसे में भारतीय नागिरकों को यूक्रेन से वापस लाने के लिए उड़ानें बुखारेस्ट और बुडापेस्ट के रास्ते संचालित की जा रही हैं.