झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) मुश्किलों में फंस गए हैं. उनकी कुर्सी खतरे में है. चर्चा है कि निर्वाचन आयोग ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ राज्यपाल को रिपोर्ट भेजी है. इस मुद्दे पर एनडीटीवी ने बीजेपी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास (Raghuvar Das) से बात की. दास ने ही 10 फरवरी को आफिस ऑफ प्राफिट का मामला उजागर किया था. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा है कि यह बीजेपी का टेकओवर है.
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के नेता रघुवर दास ने कहा कि, ''झारखंड मुक्ति मोर्चा सच्चाई पर परदा डालकर लोगों को गुमराह कर रहा है. सरकार अपनी काली करतूतों के कारण ही आज मुसीबत में पड़ी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं. राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता का जो वातावरण आज बना है उसके लिए सिर्फ एक व्यक्ति हेमंत सोरेन जिम्मेदार हैं.''
उन्होंने कहा कि, ''बीजेपी ने नहीं कहा था कि आप मुख्यमंत्री रहते हुए अपने नाम पर लीज का पट्टा ले लीजिए. बीजेपी ने नहीं कहा था कि अपने पद का दुरुपयोग करके आप अपनी पत्नी को पत्थर खदान की लीज दे दो. बीजेपी ने नहीं कहा था कि अपने विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को लीज पट्टा दे दो.''
हेमंत सोरेन ने कहा है कि यह 'आफिस ऑफ प्राफिट' का केस बनता ही नहीं है. इस पर रघुवर दास ने कहा कि ''परिवारवाद वाली पार्टी सत्ता में आती है तो इनकी मंशा ही होती है कि अपने परिवार के लिए कुछ भी कर लें, प्रजा कुछ न बोले. लोकतंत्र में मुख्यमंत्री ने लोक, लाज, लज्जा छोड़कर लीज अपने परिवार के नाम पर की. हमने राज्यपाल को 11 फरवरी को इसकी शिकायत की थी. उनसे अनुरोध किया था कि इनकी (विधानसभा) सदस्यता समाप्त की जाए. यह भ्रष्टाचार अधिनियम 188 की 13-1 डी धारा के तहत यह अपराधिक कृत्य भी है. सोरेन ने पद का दुरुपयोग किया, भ्रष्टाचार किया. इसमें दो मामले बनते हैं.''
दास ने कहा कि, ''मुख्यमंत्री पर जैसे ही आरोप लगा, उनमें यदि नैतिकता होती, कानून के प्रति सम्मान होता तो तुरंत इस्तीफा दे देते. रिजाइन कर देते तो आज यह नौबत नहीं आती. लोकतंत्र में प्रावधान है जिससे वे छह महीने सीएम रहने के बाद चुनाव में जा सकते थे. झारखंड में राजतंत्र चलाना चाहते हैं, कुछ नहीं होने वाला.''
जिस प्रेम प्रकाश के यहां छापा पड़ा उनकी तस्वीरें हेमंत सोरेन के अलावा आपके साथ भी हैं. वे किसके करीबी हैं? इस सवाल पर रघुवर दास ने कहा कि, ''सार्वजनिक जीवन में किसी की किसी के भी साथ तस्वीर हो सकती है. पांच साल हमने सरकार चलाई, यह लोग विपक्ष में थे और हम पर एक दाग नहीं लगा सके. इस सरकार को दिसंबर में तीन साल होने जा रहे हैं, इनके एक भी दाग नहीं धुल पाए.'' उन्होंने कहा कि, ''मेरा किसी से कोई संबंध नहीं है. शादी-विवाह में कोई साथ में फोटो खिंचाए, उससे हमें क्या लेना-देना. हमारी उससे कोई बातचीत नहीं हुई. वे कॉन्ट्रेक्टर थे, उनसे सीएम को क्या लेना-देना. लेकिन इस राज में जिस तरह सिंडिकेट का शासन चल रहा है, सब कुछ दुनिया के समक्ष आ रहा है.''
बीजेपी पर नए तरीके से आपरेशन कमल चलाने का आरोप लग रहा है? सवाल के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, ''क्या भारतीय जनता पार्टी ने कहा था कि आप अपने नाम से लीज ले लो? बीजेपी कोई आपरेशन लोटस नहीं चलाती है. हम परिवारवाद और भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए काम कर रहे हैं.''