- अभिनेत्री उर्वशी रौतेला से 1×Bet ऑनलाइन सट्टेबाज़ी मामले में ईडी की पूछताछ आज
- ईडी पूर्व सांसद मिमी चक्रवर्ती, क्रिकेटर शिखर धवन और सुरेश रैना से भी पूछताछ कर चुकी है
- एजेंसी इस मामले में गूगल और मेटा जैसी टेक कंपनियों को भी समन भेज चुकी है.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) बॉलीवुड अभिनेत्री उर्वशी रौतेला से 1×Bet मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ करने जा रहा है. उन्हें पूछताछ के लिए सुबह 11 बजे दिल्ली स्थित ईडी दफ्तर में पेश होना है. यह मामला अवैध ऑनलाइन सट्टेबाज़ी ऐप्स के प्रचार-प्रसार और उससे जुड़े वित्तीय लेन-देन से जुड़ा है. इससे पहले सोमवार को बंगाली फिल्म अभिनेत्री और तृणमूल कांग्रेस की पूर्व सांसद मिमी चक्रवर्ती से भी इसी मामले में पूछताछ की गई थी. ईडी ने उनसे 1×Bet और अन्य सट्टा ऐप्स के प्रमोशन से जुड़े सवाल पूछे थे.
धवन और रैना भी जांच के घेरे में
इससे पहले क्रिकेटर शिखर धवन और सुरेश रैना से भी पूछताछ हो चुकी है. इन पर आरोप है कि उन्होंने ऐसे प्लेटफॉर्म्स को प्रोमोट किया, जो भारत में गैर-कानूनी हैं. ईडी ने कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और यूट्यूबर्स से भी पूछताछ की है. इन पर आरोप है कि उन्होंने इन ऐप्स को प्रमोट किया और इसके बदले में भुगतान लिया. ईडी इस पूरे मामले की जांच मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कर रही है. असल में एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इन प्रमोशन के जरिए अवैध धन का लेन-देन हुआ. सूत्रों के मुताबिक, कई और क्रिकेटर, फिल्म स्टार और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स इस जांच के दायरे में हैं. ईडी जल्द ही उन्हें भी समन भेज सकती है.
गूगल और मेटा को भी समन
ऐसे ही मामलों में ईडी ने गूगल और मेटा (फेसबुक, इंस्टाग्राम) को भी समन भेजा है. एजेंसी यह जानना चाहती है कि क्या इन कंपनियों ने जानबूझकर ऐसे ऐप्स को प्रमोट किया और उनसे मुनाफा कमाया. ईडी फिलहाल 1×Bet, Foreplay, Lotus65 और अन्य सट्टेबाज़ी ऐप्स की जांच अलग-अलग मामलों में कर रही है. इन मामलों में दक्षिण भारत से लेकर बॉलीवुड, टॉलीवुड, क्रिकेटर, यूट्यूबर्स और तमाम सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर शामिल हैं.
सिर्फ एक क्लिक... और बर्बादी का रास्ता
भारत में करीब 22 करोड़ लोग किसी न किसी ऑनलाइन सट्टेबाज़ी ऐप से जुड़े हैं. इनमें से 11 करोड़ लोग रेगुलर यूज़र हैं, यानी हर दिन सट्टा लगाते हैं. साल 2025 के पहले तीन महीनों में ही इन गैर-कानूनी वेबसाइट्स को 1.6 अरब बार विज़िट किया गया. भारत में ऑनलाइन सट्टेबाज़ी का बाज़ार अब 100 अरब डॉलर (₹8.3 लाख करोड़) से ज़्यादा का हो चुका है और हर साल 30% की दर से बढ़ रहा है. अनुमान है कि टॉप सट्टा ऐप्स हर साल करीब ₹27,000 करोड़ टैक्स की चोरी कर रहे हैं.
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मानसिक बीमारी बनता जुआ
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, जुए की लत एक मानसिक बीमारी है जो कि डिप्रेशन, तनाव और आत्महत्या तक ले जाती है.
तेलंगाना में 1,023 आत्महत्याएं
एक जनहित याचिका के मुताबिक, सिर्फ तेलंगाना में 1,023 आत्महत्याएं ऑनलाइन सट्टेबाज़ी से जुड़ी हैं. इससे छात्र, गृहिणियां और बेरोज़गार युवा सबसे ज़्यादा प्रभावित है, जहां स्कूल के बच्चे क्लास छोड़कर सट्टा लगाते हैं. वहीं कॉलेज स्टूडेंट अपनी फीस तक जुए में झोंक देते हैं और बेरोज़गार युवा इसे "कमाई का साधन" मान लेते हैं. बात सिर्फ इतनी ही नहीं कि लोग परिवार से झूठ बोलते हैं, चोरी करते हैं, कर्ज़ में डूब जाते हैं.
ED का फोकस: टेक कंपनियों की जिम्मेदारी
ईडी अब यह जांच कर रही है कि क्या गूगल और मेटा जैसी कंपनियों ने जानबूझकर इन ऐप्स को प्रमोट किया? क्या उन्होंने ऐसे विज्ञापनों से मुनाफा कमाया? एजेंसी जल्द ही इन कंपनियों के ईमेल्स, जवाब और वित्तीय रिकॉर्ड की भी जांच कर सकती है. पिछले कुछ महीनों में ईडी ने कई मशहूर हस्तियों से पूछताछ की है. इनमें फिल्म स्टार और पूर्व क्रिकेटर शामिल हैं. इन पर आरोप है कि उन्होंने ऐसे ऐप्स का प्रमोशन किया जो भारत में गैर-कानूनी हैं.
ईडी के सवालों की सूची
- आपने 1xBet ऐप के प्रचार या प्रमोशन में क्या भूमिका निभाई?
- क्या आपने किसी और बेटिंग प्लेटफॉर्म का भी प्रचार किया?
- क्या आपको पता था कि ये प्लेटफॉर्म भारत में गैर-कानूनी हैं?
- क्या आपके पास इससे जुड़े कॉन्ट्रैक्ट, एग्रीमेंट या भुगतान के दस्तावेज हैं?
- क्या आपने QR कोड या अलग नामों से असली सट्टा साइट्स को प्रमोट किया?
- भुगतान किस कंपनी या अकाउंट से हुआ?
- क्या आपने इनकी कानूनी स्थिति की जांच की थी?
- क्या आपको इनके एल्गोरिद्म की जानकारी थी?
- क्या आपने सीधे या परोक्ष रूप से इनके ऑपरेटर्स से बातचीत की?
- क्या आपने इनका प्रचार उन राज्यों में भी किया जहां यह पूरी तरह प्रतिबंधित है
ईडी का कहना है कि जांच का मकसद यह पता लगाना है कि क्या ये हस्तियां जानबूझकर गैर-कानूनी प्लेटफॉर्म को प्रमोट कर रही थीं या वे इनकी असली गतिविधियों से अनजान थीं.