एक देश, एक चुनाव के पक्ष में 81% लोग, कोविंद समिति को मिले 21,000 सुझाव

One Nation One Election: कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने एक साथ चुनाव कराने के विचार का विरोध किया है. पिछले साल सितंबर में गठित कोविंद के नेतृत्व वाली समिति ने रविवार को अपनी तीसरी बैठक की.

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81 प्रतिशत लोगों ने एक साथ चुनाव के विचार पर सहमति जताई...
नई दिल्‍ली:

One Nation One Election: ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव' को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति को जनता से 21,000 सुझाव मिले हैं, जिनमें से 81 प्रतिशत लोगों ने देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के विचार पर सहमति जताई है. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई. बयान में कहा गया कि 46 राजनीतिक दलों से भी सुझाव मांगे गए थे.

रिपोर्ट में में कहा गया, "अब तक 17 राजनीतिक दलों के सुझाव मिले हैं." बता दें कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने एक साथ चुनाव कराने के विचार का विरोध किया है. पिछले साल सितंबर में गठित कोविंद के नेतृत्व वाली समिति ने रविवार को अपनी तीसरी बैठक की.

समिति ने अपनी बैठक के बाद कहा, "कुल 20,972 प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं, जिनमें से 81 प्रतिशत लोगों ने एक साथ चुनाव के विचार पर सहमति जताई." बयान में कहा गया कि समिति की अगली बैठक 27 जनवरी को होगी.

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अगर कराए जाते हैं, एक साथ चुनाव..

निर्वाचन आयोग ने बताया कि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने की स्थिति में उसे नई ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन' (ईवीएम) खरीदने के लिए प्रत्येक 15 वर्ष में करीब 10,000 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी. सरकार को भेजे गए एक पत्र में, आयोग ने कहा कि ईवीएम के उपयोग की अवधि 15 साल है और यदि ‘एक साथ चुनाव' कराए जाते हैं, तो मशीनों के एक सेट का उपयोग उनके इस्तेमाल की इस अवधि के दौरान तीन बार चुनाव कराने के लिए ही किया जा सकता है. अनुमान के मुताबिक, इस साल लोकसभा चुनाव के लिए देशभर में कुल 11.80 लाख मतदान केंद्र बनाने की आवश्यकता होगी.

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एक साथ चुनाव के लिए करने होंगे ये बदलाव

निर्वाचन आयोग का कहना है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए संविधान के पांच अनुच्छेदों में संशोधन करने की आवश्यकता होगी. साथ ही दल-बदल के आधार पर अयोग्यता से संबंधित संविधान की 10वीं अनुसूची में भी आवश्यक बदलाव की आवश्यकता होगी. ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर उच्चस्तरीय समिति को भारत के संविधान और अन्य वैधानिक प्रावधानों के तहत मौजूदा तंत्र को ध्यान में रखते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर निकायों और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराने की पड़ताल करने तथा सिफारिश करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

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