वन नेशन, वन इलेक्शन बिल लोकसभा में पेश

आजमगढ़ से एसपी सांसद धर्मेंद्र यादव ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' बिल का विरोध करते हुए लोकसभा में कहा कि मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि दो दिन पहले संविधान को बचाने और गौरवशाली परंपरा की कसमें खाई जा रही थीं. दो ही दिन के अंदर संविधान के संघीय ढांचे को खत्म करने के लिए संविधान संशोधन बिल लाया गया है. मैं कांग्रेस के साथी मनीष तिवारी जी से सहमत हूं.

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नई दिल्ली:

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश कर दिया है. कानून मंत्री ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024' और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024' को पुर:स्थापित करने के लिए संसद के निचले सदन में पेश किया. वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' संबंधी सरकार के विधेयक पर आपत्ति जताते हुए लोकसभा में कहा कि यह संविधान के बुनियादी ढांचे पर हमला करता है और इस सदन के विधायी अधिकार क्षेत्र से परे है, इसलिए इसे वापस लिया जाना चाहिए.

वापस लिया जाए बिल: सपा

सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने लोकसभा में कहा कि यह विधेयक संविधान की मूल भावनाओं को खत्म करने और देश को तानाशाही की ओर ले जाने का प्रयास है, इसे वापस लिया जाए. वहीं तृणमूल कांग्रेस सदस्य कल्याण बनर्जी ने इस बिल के पेश होने पर कहा कि ये विधेयक चुनाव सुधार नहीं, बल्कि एक सज्जन की इच्छा और सपने की पूर्ति मात्र है.

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‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर सांसद और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद ने कहा, "यह संघीय ढांचे पर हमला है. यह राज्य सरकारों की शक्ति को कम करता है. हम संविधान को मानने वाले लोग हैं. हम इसका विरोध करेंगे."

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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की अवधारणा के क्रियान्वयन के लिए संवैधानिक संशोधन विधेयक को 12 दिसंबर को मंजूरी दे दी थी.

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