“वक्त लेकर करे योजना की तैयारी”: ज्यूडिशियल विस्टा की निर्माण याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की केंद्र को सलाह

जस्टिस विनीत सरन ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के गलियारों में आराम से चल भी नहीं सकते. गलियारे का भीड़ भाड़ वाला माहौल बेहद डरावना होता है. लिहाजा सरकार को अगर योजना के लिए समय चाहिए तो हम चार हफ्ते नहीं बल्कि तीन महीने दे रहे हैं. अब 20 जुलाई को हम इस मामले में सुनवाई करेंगे. उससे पहले आप इस समस्या के समाधान के लिए ठोस परियोजना लेकर आएं . याचिकाकर्ता अर्धेंदुमौली प्रसाद ने कहा कि ये सही है कि सॉलिसिटर जनरल यहां मौजूद हैं.

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कोर्ट ने कहा कि केंद्र पर्याप्त वक्त लेकर योजना की तैयारी
नई दिल्ली:

सेंट्रल विस्टा की तर्ज पर ज्यूडिशियल विस्टा के निर्माण की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वो पर्याप्त वक्त लेकर योजना तैयार करे. अदालत अब 20 जुलाई को करेगी सुनवाई. केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि ऐसे मामलों में आनन फानन में फैसले नहीं किए जा सकते. लिहाजा कोर्ट इसे कम से कम चार हफ्ते के लिए टाल दें. अदालत ने कहा कि सरकार चार हफ्ते नहीं बल्कि तीन महीने की मोहलत ले लें. लेकिन कोई योजना तैयार करे, क्योंकि समस्या बहुत गंभीर है,  हमे पता है कि एक रात में कुछ नहीं बदलता, पूरी योजना बनानी और उस पर अमल करना होता है.

जस्टिस विनीत सरन ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के गलियारों में आराम से चल भी नहीं सकते. गलियारे का भीड़ भाड़ वाला माहौल बेहद डरावना होता है. लिहाजा सरकार को अगर योजना के लिए समय चाहिए तो हम चार हफ्ते नहीं बल्कि तीन महीने दे रहे हैं. अब 20 जुलाई को हम इस मामले में सुनवाई करेंगे. उससे पहले आप इस समस्या के समाधान के लिए ठोस परियोजना लेकर आएं . याचिकाकर्ता अर्धेंदुमौली प्रसाद ने कहा कि ये सही है कि सॉलिसिटर जनरल यहां मौजूद हैं.

हमारा अभी लिया गया फैसला अगले सौ सालों के लिए होगा. जस्टिस सरन ने कहा कि अभी तो कोर्ट नंबर नौ तक सब ठीक ठाक है. लेकिन उसके बाद की आठ कोर्ट का इंतजाम किसी तरह किया जा रहा है, मुमकिन है कि आगे दिक्कत और बढ़े. इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सरकार बहुत तेजी से काम करती है. अर्धेंदु प्रसाद ने कहा कि अभी काम शुरू हो तो कम से कम पांच साल तो लग ही जाएंगे. जस्टिस सरन ने सहमति जताते हुए कहा कि तभी हमने कोई आदेश या निर्देश नहीं जारी किया है, क्योंकि ये सब इस समय का समाधान नहीं है.

न्यायपालिका ये सब खुद नहीं कर सकती सरकार को सलाह दे सकती है . सुप्रीम कोर्ट की ओर से सीनियर एडवोकेट वी गिरी ने भी कोर्ट का पक्ष रिकॉर्ड पर लेने की बात की . दरअसल सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि  ये याचिका व्यवहारिक और तर्क सम्मत है. केंद्र सरकार इस मामले पर बताए कि उसका रुख क्या है ? सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा था कि केंद्र  इस मामले पर अपना पक्ष रखे.

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सुनवाई के दौरान जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस जे के माहेश्वरी की पीठ ने भी ज्यूडिशियल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर सहमति जताते हुए कहा था कि अब समय आ गया है कि सेंट्रल विस्टा की तरह ही ज्यूडिशियल विस्टा भी होना चाहिए. उन्होंने ने कहा कि चीजें सुनियोजित होनी चाहिए. दरअसल  SCBA सचिव अर्धेंदु मौली प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट परिसर के आस पास ज्यूडिशियल विस्टा का निर्माण किए जाने की मांग की है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था

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