ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron variant ) अंतरराष्ट्रीय आवाजाही पर भारत में लगी रोक को पूरी तरह हटाने के फैसले की राह में रोड़ा बनता नजर आ रहा है. दक्षिण अफ्रीका समेत कई अफ्रीकी देशों में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की दहशत औऱ ब्रिटेन-बेल्जियम समेत छह से ज्यादा देशों में यह वायरस पहुंच जाने के बाद भारत सरकार भी अलर्ट मोड में आ गई है. उसने 15 दिसंबर से विदेशी उड़ानों को पूरी तरह फिर शुरू करने के फैसले की समीक्षा करने का फैसला किया है.
मोदी सरकार अंतरराष्ट्रीय यात्री सेवा को दोबारा खोलने के निर्णय और विदेश यात्रियों (विशेषकर ‘जोखिम' श्रेणी में रखे गए देशों) की जांच और निगरानी की गाइडलाइन (SOP) की समीक्षा करने का फैसला किया. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की अगुवाई में हुई बैठक में यह फैसला हुआ.यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना वायरस के नए चिंताजनक स्ट्रेन 'ओमीक्रोन' के चलते की गई उच्चस्तरीय समीक्षा के एक दिन बाद हुई.
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दरअसल, 20 महीने से अधिक समय के लंबे अंतराल के बाद सरकार ने 26 नवंबर को घोषणा की थी कि 15 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय कामर्शियल यात्री उड़ानों को फिर से शुरू किया जाएगा, लेकिन इस बीच ओमिक्रोन वैरिएंट ने खतरे की घंटी बजा दी.गृह मंत्रालय ने कहा कि बैठक में ‘ओमीक्रोन' के मद्देनजर उपजे हालात पर चर्चा की गई. ऐसे में विदेशी यात्री सेवाओं को बहाल करने की तारीख पर दोबारा विचार किया जाएगा.
सरकार विदेश यात्रियों की जांच और निगरानी प्रक्रिया की एसओपी की भी समीक्षा करेगी. वायरस के सभी वैरिएंट की जीनोमिक सीक्वेंसिंग के साथ निगरानी को और मजबूत किया जाएगा. हवाईअड्डों और बंदरगाहों पर तैनात स्वास्थ्य अधिकारियों को जांच प्रोटोकॉल की सख्त निगरानी के प्रति संवेदनशील बनाया जाएगा.
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