कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) ने भारत में अपने पैर पसारने शुरू कर दिये हैं. भारत में अब तक ओमिक्रॉन' के कुल 5 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. अच्छी खबर ये है कि संक्रमित लोगों पर जो इलाज किया जा रहा है, उसका असर नजर आ रहा है. महाराष्ट्र (Maharashtra) के ठाणे में ‘ओमिक्रॉन' से संक्रमित पाए गए 22 वर्षीय पुरुष की स्थिति ‘‘स्थिर'' है और उपचार का उस पर असर हो रहा है. मरीन इंजीनियर का मुंबई से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित कल्याण कस्बे के एक कोविड-19 स्वास्थ्य केंद्र में उपचार चल रहा है.
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि विभिन्न देशों से ठाणे जिले के कल्याण-डोम्बिवली इलाके में आने के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए छह अन्य लोगों के नमूनों को जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा गया है और परिणाम का इंतजार किया जा रहा है. इससे पहले, सूत्रों ने बताया कि डोम्बिवली कस्बे का निवासी मरीन इंजीनियर 23 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से दिल्ली आया था और उसने दिल्ली हवाई अड्डे में कोविड-19 की जांच के लिए अपने नमूने दिए थे. इसके बाद उसने मुंबई के लिए उड़ान भरी. मुंबई मंडल के स्वास्थ्य सेवाओं की उप निदेशक डॉ. गौरी राठौड़ ने बताया, ‘‘उसकी हालत स्थिर है और उस पर इलाज का असर हो रहा है.''
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उन्होंने कहा कि मरीज का कल्याण के कोविड-19 स्वास्थ्य केंद्र में उपचार जारी रहेगा और उसे कहीं ओर स्थानांतरित नहीं किया जाएगा. ओमिक्रॉन स्वरूप के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार 14 दिन तक उसका उपचार किया जाएगा. कल्याण-डोम्बिवली नगर निगम में महामारी प्रकोष्ठ की प्रमुख डॉ. प्रतिभा पनपाटिल ने बताया कि इस मरीज के अलावा, विभिन्न देशों से कल्याण-डोम्बिवली आए छह अन्य लोग संक्रमित पाए गए हैं और उन्हें पृथकवास में रखा गया है. इनमें से चार लोग नाइजीरिया और एक-एक व्यक्ति रूस एवं नेपाल से आया है. उन्होंने बताया कि इन छह लोगों के नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे गए हैं और आगामी दिनों में परिणाम पता चलेंगे. पनपाटिल ने कहा, ‘‘सभी छह की हालत स्थिर है. उनमें संक्रमण के लक्षण नहीं है और उनमें से कोई अधिक जोखिम वाले देशों से नहीं आया है.''
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कर्नाटक, गुजरात और दिल्ली में ओमीक्रोन स्वरूप के मामले पाए गए हैं. केंद्र के अनुसार, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इजराइल को ''जोखिम वाले देशों' की सूची में शामिल किया गया है. नए नियमों के अनुसार, ‘जोखिम वाले देशों' से आने वाले यात्रियों को आरटी-पीसीआर जांच कराना अनिवार्य है और उन्हें परिणाम आने के बाद ही हवाई अड्डे से जाने की अनुमति होगी. इसके अलावा अन्य देशों से आने वाले दो प्रतिशत यात्रियों की जांच की जाएगी और इस जांच के लिए किसी भी यात्री के नमूने लिए जा सकते हैं.
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