ओडिशा बालासोर रेल हादसे के मामले में सीबीआई ने गैरइरादतन हत्या के आरोप के तहत रेलवे के 3 अधिकारी गिरफ्तार किए हैं. गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने इन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां से आरोपियों को 4 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया गया है. अब सीबीआई इस मामले में रेलवे के दूसरे अफसरों की भूमिका की जांच कर रही है. सीबीआई के मुताबिक, इन लोगों पता था कि गलती से लोगों की जान जा सकती है. फिर भी इन्होंने गलती की, इसीलिए सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या यानी आईपीसी 304 और सबूत मिटाने यानी आईपीसी की धारा 201 के तहत केस दर्ज किया है, जिसमें अधिकतम सजा 7 साल है.
बालासोर में ट्रेन हादसे के करीब 1 महीने बाद सीबीआई ने इस मामले में शुक्रवार को बालासोर से 2 सिग्नल इंजीनियरों अरुण कुमार महानता और आमिर खान इसके अलावा एक तकनीशियन पप्पू कुमार को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, सीबीआई की अपील पर सभी 3 आरोपियों को कोर्ट ने 4 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया गया.
बालासोर में जिस बहानगा बाजार रेलवे स्टेशन पर ये हादसा हुआ था, वहां से लगभग 170 ट्रेनें प्रतिदिन गुजरती हैं. हादसे के बाद सीबीआई ने लॉग बुक, रिले पैनल और उपकरण को जब्त कर इस स्टेशन को सील कर दिया था. 2 जून को यहां तीन ट्रेनें हादसाग्रस्त हो गई थीं, जिसमें 292 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 1,208 लोग घायल हो गए थे.
रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दुर्घटना ‘सिग्नलिंग और टेलीकॉम विभाग' तथा यातायात विभाग के ड्यूटी पर मौजूद अधिकारियों की मानवीय गलती के कारण हुई है. इस मामले में सीबीआई अब गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर बाकी रेल अफसरों की भूमिका की जांच कर रही है. रेलवे के इतिहास में ये हादसा सबसे बड़े हादसों में एक था, इसलिए सीबीआई जांच के दायरे को भी बढ़ा रही है और उस हर शख्स की जिम्मेदारी तय की जा रही है जो इसके पीछे है.
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