परमाणु बम की गीदड़भभकी ... क्या छीन लेना चाहिए पाकिस्तान से एटमी हथियार?

परमाणु कमांड सेंटर के नष्ट होने के बाद पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं कर सकता है, जिसकी धमकी वह भारत को लगातार देता रहा है और 22 अप्रैल  को पहलगाम हमले के बाद से ही परमाणु युद्ध की धमकी दिखाकर दुनिया से भारत को रोकने की अपील करता रहा है.

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राम चरित मानस की पंक्तियां... विनय न मानत जलधि जड़, गए तीन दिन बीत. बोले राम सकोप तब, भय बिनु होय न प्रीत... 'मतलब ये कि जब विनम्रता से समुद्र नहीं पिघला और तीन दिन बीत गए, तब श्रीराम ने क्रोधित होकर कहा, ‘भय के बिना प्रेम नहीं होता'. यह चौपाई उस समय की है जब श्रीराम ने समुद्र से रास्ता देने की प्रार्थना की. लेकिन समुद्र के न मानने पर उन्होंने कठोर रुख अपनाया. आज ऑपरेशन सिंदूर के बारे में मीडिया को बताने आए एयर मार्शल अवधेश भारती ने रामचरित मानस की पंक्तियों का इस्तेमाल ये संदेश देने के लिए किया कि भारत शांति और संवाद को प्राथमिकता देता है. लेकिन जब वो प्रयास विफल होते हैं, तो वो दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटता.

बार बार इस बात के सबूत मिले हैं कि पाकिस्तानी फौज वहां की सरकार के काबू में नहीं रहती. साथ ही आतंकवाद से फौज का गहरा रिश्ता होता है. ऐसे में क्या पाकिस्तान से एटमी हथियार छीन नहीं लेना चाहिए? पस्त पाकिस्तान का ये सबसे ज्यादा सबूत है. तस्वीरें और वीडियो में यह दिख रहा है कि भारत के सटीक हमले में नूर खान एयरबेस को कितना भारी नुकसान पहुंचा है.

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि पिछले कुछ सालों में आतंकवादी गतिविधियों का चरित्र बदल गया है. निर्दोष नागरिकों पर हमले हो रहे थे. पहलगाम तक पाप का यह घड़ा भर चुका था.
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पाकिस्तानी सेना के हेडक्वार्टर से सटे नूरखान एयरबेस से सभी लड़ाकू विमानों और ड्रोन हमलों का नियंत्रण किया जाता है. भारत में हुए मिसाइल और ड्रोन हमले इसी एयरबेस से किये गए थे. इसी के पास नेशनल कमांड अथोरिटी की बिल्डिंग भी है, जो पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की देखरेख करता है. इसे पाकिस्तान का परमाणु कमांड सेंटर भी कहा जाता है. परमाणु कमांड सेंटर के भारतीय मिसाइल के जद में आने के खतरे में पाकिस्तानी सेना में कंपकपी पैदा कर दी.

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परमाणु कमांड सेंटर के नष्ट होने के बाद पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं कर सकता है, जिसकी धमकी वह भारत को लगातार देता रहा है और 22 अप्रैल  को पहलगाम हमले के बाद से ही परमाणु युद्ध की धमकी दिखाकर दुनिया से भारत को रोकने की अपील करता रहा है.

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि मैं अब भी मानता हूं और बहुत दृढ़ता से मानता हूं कि परमाणु हथियार कोई विकल्प नहीं होगा, क्योंकि इससे दोनों देश नष्ट हो जाएंगे. यह केवल तभी एक विकल्प है जब हमारा अस्तित्व बहुत ही अनिश्चित स्थिति में हो और, हमारे अस्तित्व को सीधा खतरा है.

नूर खान एयरबेस पर हमले के एक दिन पहले भी भारत रावलपिंडी पर ड्रोन हमला करने में सफल रहा था. पाकिस्तान की ओर से बताया गया कि ड्रोन रावलपिंडी स्टेडियम पर गिरा. लेकिन असल में जिस जगह पर ड्रोन गिरा उसके पास आईएसआई के कश्मीर डिवीजन का दफ्तर है. जाहिर है भारत ने दिखा दिया कि पाकिस्तानी सेना के हेडक्वार्टर समेत तमाम सैन्य ठिकाने भारतीय मिसाइलों की जद में हैं, वह कहीं भी सटीक हमला कर सकता है.

बीजेपी नेता संबित पात्रा ने कहा कि शायद पहली बार पाकिस्तान को अहसास हुआ कि भारत उसके परमाणु हथियारों को नाकाम करने में भी सक्षम है. लेकिन दिक्कत ये है कि उसके परमाणु बम उस फौज के हाथों में हैं जो सरकार की बात नहीं मानती. साथ ही पाकिस्तानी फौज और आतंकवादियों में कोई अंतर भी नहीं है. ऐसे में क्या ये मुमकिन है कि पाकिस्तान की परमाणु ताकत छीन ली जाए.

एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा कि यह एक अलग तरह का युद्ध था और ऐसा होना तय था. भगवान न करे, लेकिन अगर हम एक और युद्ध लड़ते हैं, तो वह इस युद्ध से बिल्कुल अलग होगा. हमें दुश्मन को हराने के लिए आगे रहना होगा.

पाकिस्तान का परमाणु ताकत होना मानव सभ्यता पर एक बड़ा खतरा है. जैसे जैसे आतंकवाद बढ़ेगा ये खतरा बढ़ता ही जाएगा. 

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