अब ‘ऑल इंडिया रेडियो’ नहीं केवल ‘आकाशवाणी’ होगा

प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी ने कहा, ‘‘यह सरकार का बहुत पुराना फैसला है जो पहले लागू नहीं किया गया था. अब हम इसे लागू कर रहे हैं.’’

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
नई दिल्ली:

सार्वजनिक प्रसारक प्रसार भारती ने अपनी रेडियो सेवा के संदर्भ में ‘ऑल इंडिया रेडियो' (एआईआर) नाम का इस्तेमाल नहीं करने और इसे ‘आकाशवाणी' करने का फैसला किया है, जैसा कि कानून में उल्लेख किया गया है. ‘आकाशवाणी' की महानिदेशक वसुधा गुप्ता द्वारा बुधवार को जारी एक आंतरिक आदेश में इस वैधानिक प्रावधान को ‘‘तत्काल प्रभाव से लागू'' करने का अनुरोध किया गया है, जिसके जरिये एआईआर (ऑल इंडिया रेडियो) का नाम बदलकर ‘आकाशवाणी' कर दिया गया था.

प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी ने कहा, ‘‘यह सरकार का बहुत पुराना फैसला है जो पहले लागू नहीं किया गया था. अब हम इसे लागू कर रहे हैं.'' प्रसार भारती (भारतीय प्रसारण निगम) अधिनियम, 1990 में उल्लेख किया गया है कि ‘आकाशवाणी' का अर्थ कार्यालयों, स्टेशनों और अन्य प्रतिष्ठानों से है, चाहे उन्हें किसी भी नाम से पुकारा जाए, जो नियत दिन से ठीक पहले, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के ‘ऑल इंडिया रेडियो' के महानिदेशक का हिस्सा बने या उसके अधीन थे. प्रसार भारती अधिनियम 15 नवंबर, 1997 को लागू हुआ था.

आंतरिक आदेश में कहा गया है, ‘‘उक्त वैधानिक प्रावधान जिसके जरिये एआईआर के नाम को बदलकर ‘आकाशवाणी' कर दिया है और यह बात सभी के ध्यान में लाई जाये ताकि नाम और शीर्षक संसद द्वारा पारित प्रसार भारती अधिनियम 1990 के प्रावधानों के अनुरूप हों. वर्ष 1939 में कलकत्ता शॉर्टवेव सेवा के उद्घाटन के लिए लिखी गई एक कविता में प्रसिद्ध कवि रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा ‘ऑल इंडिया रेडियो' को ‘आकाशवाणी' के रूप में संदर्भित किया गया था. प्रसार भारती की वेबसाइट के अनुसार ‘आकाशवाणी मैसूर' नाम का एक निजी रेडियो स्टेशन 10 सितंबर, 1935 को स्थापित किया गया था.

ये भी पढ़ें-

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Axis My India EXIT POLL: बिहार ने किसे चुना अपना नेता? | Bihar Election Results | Rahul Kanwal
Topics mentioned in this article