बागी विधायकों का भविष्य तय करने वाले डिप्टी स्पीकर के "भविष्य" पर खतरा, शिंदे गुट ने खेला नया दांव

शिंदे गुट के दो निर्दलीय विधायक महेश बाल्दी और विनोद अग्रवाल ने महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर (Deputy speaker) नरहरि जिरवाल को हटाने के लिए नोटिस भेजा है. कहा कि आप विधायकों (MLAs) के निलंबन पर फैसला नहीं ले सकते क्योंकि आप अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) का सामना कर रहे हैं.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
शिंदे गुट के निर्दलीय विधायकों ने डिप्टी स्पीकर को पद से हटाने का नोटिस भेजा है.(फाइल फोटो)
मुंबई:

महाराष्ट्र (Maharashtra) में जारी सियासी घमासान के बीच शिवसेना (Shiv Sena) के दो गुट शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं. अब शिंदे गुट के दो निर्दलीय विधायक महेश बाल्दी और विनोद अग्रवाल ने महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल (Narhari Jirwal) को हटाने के लिए नोटिस भेजा है. डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल एनसीपी (NCP) से संबंध रखते हैं. इन दोनों विधायकों ने ऐसे समय पर यह कदम उठाया है जब शिवसेना ने डिप्टी स्पीकर को पत्र लिखकर 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है. ऐसे में इस विषय पर निर्णय लेने वाले डिप्टी स्पीकर को हटाने के लिए ही नोटिस भेजा गया है.शिवसेना ने जीरवाल से 16 विद्रोहियों को अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया है. कल 12 और आज 4 लोगों के नाम डिप्टी स्पीकर को भेजे गये थे. 

वहीं नोटिस भेजने वाले दोनों विधायकों ने अरुणाचल प्रदेश के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया है और डिप्टी स्पीकर से शिवसेना के बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका पर फैसला नहीं करने का आग्रह किया है. अरुणाचल प्रदेश में विधायकों द्वारा उद्धृत मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि स्पीकर अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला नहीं कर सकते हैं, यदि उनके खिलाफ "अविश्वास" प्रस्ताव लंबित हो. विधायकों में से एक महेश बाल्दी ने जिरवाल से कहा कि वह किसी को भी अयोग्य घोषित करने की स्थिति में नहीं हैं.

ये भी पढ़ें: "एकनाथ शिंदे का बेटा सांसद, फिर भी मेरे बेटे को निशाना बनाया गया..." : शिवसेना के जिला-शाखा प्रमुखों से बोले उद्धव ठाकरे

Advertisement

बालदे ने एनडीटीवी से कहा, "मैंने डिप्टी स्पीकर से कहा कि हमें मीडिया से खबर मिली कि आप 12 विधायकों को निकाल रहे हैं. आप खुद अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रहे हैं. इन परिस्थितियों में आप किसी को अयोग्य नहीं ठहरा सकते. उन्होंने कहा, "पूरी एमवीए (महा विकास अघाड़ी) सरकार के पास संख्याबल नहीं है और वे किसी भी विधायक को अयोग्य नहीं ठहरा सकते." उन्होंने कहा कि अगर विधायक अयोग्य घोषित किए गए तो क्या वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे? "हम निश्चित रूप से अदालत जाएंगे." 
 

Advertisement

"शिवसेना के नेतृत्व का फैसला होना जरूरी - पृथ्वीराज चव्हाण

Featured Video Of The Day
Champions Trophy के न्यूट्रल वेन्यू का ऐलान, Boxing Day Test के लिए क्या है Team India का Plan?