महाराष्ट्र में राज्यसभा की छह सीटों पर हुए चुनाव के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं. चुनाव में बीजेपी और महाविकास अघाड़ी दोनों ने तीन-तीन सीटों पर जीत हासिल की है. संख्या बल के कारण एमवीएस की तीन और बीजेपी की दो सीटों पर जीत पक्की थी. ऐसे में छठी सीट को लेकर कांटे की टक्कर थी, जिसमें बीजेपी ने बाजी मार ली. हालांकि, बीजेपी की जीत पर सवाल उठाते हुए एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने पार्टी पर गड़बड़ करने का आरोप लगाया है. शरद पवार ने कहा, " छठी सीट के लिए हमारे पास मत कम थे. लेकिन शिवसेना ने हिम्मत करके उम्मीदवार उतारा और जीतने की कोशिश की. जीत के लिए निर्देलिय विधायकों की संख्या बीजेपी के पास ज्यादा थी और हमारे पास कम. लेकिन वो संख्या भी हम दोनों में से किसी के लिए भी पर्याप्त नहीं थी."
देवेंद्र फडणवीस ने किया चमत्कार
शरद पवार ने कहा, " ऐसी स्थिति में बीजेपी ने हमें वोट देने की इच्छा रखने वाले निर्देलिय विधायकों को अपनी तरफ करने के लिए जो 'यशस्वी कार्रवाही' की उसके चलते उन्हें जीत मिली. बस यहीं फर्क पड़ गया, नहीं तो एमवीए के जो वॉट्स हैं, वो सारे वोट हमें मिले. हमारे सारे जो वॉट्स हैं ,उसके हिसाब से मतदान हुआ भी. लेकिन जो चमत्कार हुआ है, वो इस कारण से हुआ कि देवेंद्र फडणवीस ने निर्दलीय विधायकों को अपने तरफ कर लिया."
एनसीपी अध्यक्ष ने कहा, " इन परिणामों का सरकार की स्थिरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. अगर यह संख्या देखेंगे, तो यह संख्या भी सरकार चलाने के लिए जो बहुतमत चाहिए वहां तक नहीं पहुंची है. ऐसे में कोई फर्क नहीं पड़ रहा है."
एनसीपी प्रमुख ने कहा, " मुझे आश्चर्य हुआ हो यह इस तरह का चुनाव परिणाम नहीं है. अगर शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी उम्मीदवारों को मिले मत देखेंगे तो ये साफ है कि जो कोटा सभी को दिया गया, वह मत मिले हैं. सिर्फ प्रफुल पटेल को एक ज्यादा मत मिला है. वो एक वोट कहां से आया है, मुझे इस बात की जानकारी है. वो महाविकास अघाड़ी का मत नहीं है, दूसरी तरफ का है."
सोनिया गांधी से कोई चर्चा नहीं हुई
एनसीपी प्रमुख ने कहा, " मुझे खुद एक शख्स ने फोन करके बताया कि जो एक्स्ट्रा वोट प्रफुल पटेल को आया है, वो बीजेपी का मत नहीं है. बीजेपी को समर्थन करने वाले एक निर्दलीय विधायक का है. वहीं, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर मेरी अभी तक सोनिया गांधी से कोई चर्चा नहीं हुई है. मैं कल दिल्ली जा रहा हूं, तब इस विषय पर चर्चा होगी. मेरा माना है कि हम सब बैठ कर इस विषय पर चर्चा कर लें. राज्यसभ चुनाव के संधंब में मुख्यमंत्री ने जो बैठक बुलाई है उसमें मैं हिस्सा नहीं लूंगा. हमारे प्रदेश के अन्य नेता उस बैठक में जाएंगे.
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