वाणिज्य मंत्रालय(Finance Ministry) ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि चावल के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं है और व्यापारी 20 प्रतिशत शुल्क चुकाने के बाद इसका निर्यात कर सकते हैं. सरकार ने आठ सितंबर को ‘टूटे चावल' (Rice) के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक व्यापार नोटिस में कहा कि उस चावल (पांच प्रतिशत और 25 प्रतिशत टूटा हुआ) के संबंध में अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं जिनके लिए आठ सितंबर से पहले अपरिवर्तनीय साख पत्र जारी किया गया है और इसे बंदरगाहों पर रोका जा रहा है.
नोटिस के अनुसार, ‘‘सामान्य चावल के संबंध में स्पष्ट किया जाता है कि चावल (पांच प्रतिशत और 25 प्रतिशत) को पहले से ही छूट दी गई है क्योंकि यह टूटे हुए चावल नहीं बल्कि मानक के अनुसार टूटे चावल की अनुमति योग्य सीमा के साथ सामान्य चावल है. हालांकि, इसपर 20 प्रतिशत शुल्क लगेगा.''