Supertech twin towers case:सुपरेटक एमराल्ड कोर्ट ट्विन टावर मामले में सुपरटेक को (Supertech twin towers case) राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने टॉवर गिराने के आदेश में संशोधन करने से इनकार किया. कोर्ट ने एक टावर गिराने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है. तीन महीने में दोनों टावर गिराने का 31 अगस्त का आदेश लागू रहेगा. मामले पर सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुपरटेक से कहा,अंतिम फैसले के बाद याचिका दाखिल नहीं कर सकते. हमारा फैसला न केवल दूरी पर बल्कि अन्य महत्वपूर्ण उल्लंघनों पर भी था
जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि आप अपनी शर्तों पर फैसला नहीं ले सकते. सुपरटेक के लिए अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि केवल एक टावर को ढहा दें तो यह दूरी के मानदंडों को पूरा करेगा. पुनर्विचार की मांग नहीं है बस संशोधन चाहिए .हम आदेश को चुनौती दी नहीं दे रहे हैं. वहीं फ्लैट खरीदारों की ओर से कहा गया कि ये पुनर्विचार याचिका ही है. अदालत को इस पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए. बिल्डर को कोई राहत नहीं दी जा सकती. 40 मंजिला ट्विन टावर-16(अपेक्स) और 17(स्यान) को ढहाने के आदेश में संशोधन को लेकर सुपरटेक सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. उसने सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका दाखिल की है, इसमें ट्विन टावर के ढहाने के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है.
याचिका में कहा गया है कि एक टावर को ढहाने की मंजूरी दी जाए, इससे ना केवल करोडों रुपये बचेंगे बल्कि नियमों के मुताबिक निर्माण भी होगा. सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने आवेदन में सुपरटेक ने कहा है कि फैसले में अदालत द्वारा की गई टिप्पणियों के मद्देनजर उन्होंने प्रोजेक्ट में बदलाव करने का निर्णय लिया है. आवेदन के जरिए सुपरटेक ने प्रोजेक्ट में संभावित बदलाव की रूपरेखा पेश की है. सुपरटेक ने कहा है कि एक टावर के 224 फ्लैट गिराए जाएंगे तो वो फायर सेफ्टी आदि नियमों का पालन करेंगे.
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