"मोदी सरकार पर दबाव नहीं...": रूस से तेल खरीदने के सवाल पर मंत्री हरदीप पुरी का बयान

पिछले महीने अमेरिका में भी पुरी ने इस तर्क पर जोर दिया था कि " अपने नागरिकों को ऊर्जा प्रदान करना सरकार का नैतिक कर्तव्य है."

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
पिछले महीने भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता इराक था: हरदीप पुरी
नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सीएनएन को दिए एक साक्षात्कार में भारत की 1.3 अरब आबादी का हवाला देते हुए कहा कि “हम अपने उपभोक्ताओं के प्रति नैतिक कर्तव्य निभाते हैं.” रूस से तेल की भारत की खरीद में कोई नैतिक संघर्ष नहीं है. नरेंद्र मोदी सरकार दबाव महसूस नहीं करती है. हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, भारत अपने सर्वोच्च राष्ट्रीय हित के अनुसार काम कर रहे हैं.

यह पूछे जाने पर कि क्या रूस से खरीदारी करने में नैतिक संघर्ष था. इसपर उन्होंने कहा, "बिल्कुल नहीं". कोई नैतिक संघर्ष नहीं है. हम एक्स या वाई से नहीं खरीदते हैं; जो भी उपलब्ध है हम उसे खरीद लेते हैं. मैं खरीदारी नहीं करता, सरकार नहीं करती. तेल कंपनियां करती हैं." सीएनएन पत्रकार बेकी एंडरसन ने साक्षात्कार के इस महत्वपूर्ण हिस्से को ट्वीट किया.

ये भी पढ़ें-देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 17,618 पर पहुंची

पुरी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा, "हम एक तिमाही में वही खरीदते हैं जो यूरोप दोपहर तक खरीदता है." उन्होंने स्वीकार किया कि अब रूस "भारत के शीर्ष चार या पांच आपूर्तिकर्ताओं में से एक है. उन्होंने बताया कि पिछले महीने भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता इराक था".

यह पूछे जाने पर कि क्या यूरोपीय संघ या अमेरिका ने भारत को रूस से तेल आयात को प्रतिबंधित करने के लिए कहा था. इसपर उन्होंने कहा, "आपको इस प्रश्न को यूरोपीय संघ या अमेरिका से करना चाहिए."

पिछले महीने अमेरिका में भी पुरी ने इस तर्क पर जोर दिया था कि " अपने नागरिकों को ऊर्जा प्रदान करना सरकार का  नैतिक कर्तव्य है."

Advertisement

VIDEO: ग्राउंड रिपोर्ट : मोरबी अस्पताल में मरीजों की हालत पर ध्यान देने की बजाय रंगाई-पुताई में जुटा अस्पताल प्रशासन

Featured Video Of The Day
Champions Trophy 2025 Update: भारत किस देश में खेलेगा चैंपियंस ट्रॉफी, PCB ने लिया फैसला