"75 की उम्र के बाद कोई PM नहीं रह सकता.. ये नहीं कहता BJP का संविधान, आगे भी मोदी ही संभालेंगे कमान" : अमित शाह

अरविंद केजरीवाल ने आज दावा किया था कि अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा जीत भी गई तो पीएम मोदी अगले साल तक ही प्रधानमंत्री रहेंगे. केजरीवाल ने कहा कि पीएम मोदी ने खुद यह नियम बनाया है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins

अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी ही भाजपा के चुनाव जीतने पर प्रधानमंत्री बनेंगे.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) के सनसनीखेज दावे का जवाब खुद गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने यह कहते हुए दिया कि भाजपा का संविधान यह नहीं कहता कि 75 की उम्र के बाद पार्टी का कोई नेता प्रधानमंत्री नहीं बन सकता. नरेंद्र मोदी ही चुनाव जीत कर तीसरी बार भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री बनेंगे. अरविंद केजरीवाल ने आज दावा किया था कि अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा जीत भी गई तो पीएम मोदी अगले साल तक ही प्रधानमंत्री रहेंगे. केजरीवाल ने कहा था कि पीएम मोदी ने खुद यह नियम बनाया है कि उनकी पार्टी में कोई भी 75 साल के बाद सक्रिय राजनीति में नहीं रहेगा. इस बार अगर भाजपा चुनाव जीत गई तो पीएम मोदी अगले साल 75 साल के हो जाएंगे और फिर अमित शाह को प्रधानमंत्री बना देंगे. 

केजरीवाल के दावे
केजरीवाल ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "ये लोग इंडिया ब्लॉक से प्रधानमंत्री पद के चेहरे के बारे में पूछते हैं. मैं बीजेपी से पूछता हूं कि उनका पीएम कौन होगा? नरेंद्र मोदी अगले साल 17 सितंबर को 75 साल के हो रहे हैं. उन्होंने खुद 2014 में नियम बनाया था कि 75 साल के लोगों को रिटायर कर दिया जाएगा. उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी को रिटायर कर दिया. मुरली मनोहर जोशी और सुमित्रा महाजन को भी रिटायर कर दिया. जाहिर है वह भी अगले साल रिटायर हो जाएंगे. वह अमित शाह को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट मांग रहे हैं. क्या अमित शाह मोदी जी की गारंटी पूरी करेंगे?"

अमित शाह का जवाब
केजरीवाल को जवाब देते हुए, अमित शाह ने संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री बहुत बड़ी गलती पर हैं कि पीएम मोदी जब 75 वर्ष के हो जाएंगे तो पद छोड़ देंगे. गृहमंत्री ने कहा, "मैं अरविंद केजरीवाल एंड कंपनी और इंडिया ब्लॉक से यह कहना चाहता हूं कि बीजेपी के संविधान में ऐसा कुछ भी (75 साल पुरानी सीमा नियम का) उल्लेख नहीं है. पीएम मोदी न केवल यह कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं बल्कि पीएम मोदी भविष्य में भी नेतृत्व करना जारी रखेंगे. देश में इसे लेकर कोई भ्रम नहीं है. ”

Advertisement

केजरीवाल की समझ पर उठाए सवाल
गृहमंत्री ने केजरीवाल के "अति आत्मविश्वास" पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि केजरीवाल को अदालत से सिर्फ अंतरिम जमानत मिली है और यह अस्थायी है. ऐसा नहीं है कि अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को शराब नीति मामले से मुक्त कर दिया है. उनके पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अभी भी जेल में हैं. अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दी गई है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सामने प्रार्थना की थी कि उनकी गिरफ्तारी गलत है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट इस पर सहमत नहीं हुआ. केजरीवाल को अंतरिम जमानत सिर्फ 1 जून तक मिली है और 2 जून को उन्हें एजेंसियों के सामने आत्मसमर्पण करना होगा. अगर अरविंद केजरीवाल इसे क्लीन चिट मानते हैं तो कानून के बारे में उनकी समझ कमजोर है.

Advertisement

ऐसे मिली जमानत
आपको बता दें कि अंतरिम जमानत के तहत अरविंद केजरीवाल अपने कार्यालय नहीं जा सकते. आधिकारिक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते और दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते. किसी भी जरूरी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए उन्हें उपराज्यपाल से अनुमति लेनी होगी. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) का प्रचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister) को अंतरिम जमानत (Interim bail) दे दी. शीर्ष अदालत ने कहा है कि आम चुनाव के मद्देनजर अधिक समग्र और उदारवादी दृष्टिकोण अपनाना उचित है.

Advertisement

यह भी पढ़ें
दिल्ली शराब घोटाले में ईडी ने 7वीं चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की, अरविंद केजरीवाल का क्या इसमें है नाम?
21 दिन तिहाड़ से बाहर रहेंगे केजरीवाल, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने लगाई हैं ये शर्तें 
अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत से क्या विपक्ष को मिलेगा टॉनिक, जानिए क्या है AAP की रणनीति
कैम्पेन मौलिक अधिकार नहीं : क्या ED की ये 10 दलीलें केजरीवाल को चुनाव तक रख पाएंगी जेल में बंद?

Advertisement