नीति आयोग की अहम बैठक आज, जानिए किन मुद्दों पर होगी चर्चा और क्‍या है इसका काम

नीति आयोग की एक अहम बैठक आज होनी है. बैठक में आठ मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. ऐसे में आइए जानते हैं नीति आयोग के बारे में.

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नई दिल्‍ली :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्‍यक्षता में दिल्‍ली में आज नीति आयोग (NITI Aayog) की गवर्निंग काउंसिल की बैठक होनी है. नीति आयोग की बैठक के दौरान 2047 में विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में राज्यों की भूमिका पर विस्तृत विचार-विमर्श किया जाएगा. भारत को अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष यानी 2047 तक 30,000 अरब अमेरिकी डॉलर की विकसित अर्थव्यवस्था बनने में मदद करने के लिए एक ‘दृष्टिकोण दस्तावेज' तैयार किया जा रहा है. आइए जानते हैं कि नीति आयोग की बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा होगी और आखिर यह किस तरह का संगठन है और क्‍या काम करता है. 

बैठक में इन मुद्दों पर होगी चर्चा 

इस बैठक का उद्देश्य केंद्र तथा राज्य सरकारों के बीच सहभागी संचालन तथा सहयोग को बढ़ावा देना, वितरण तंत्र को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है. इसके लिए कई राज्‍यों के मुख्‍यमंत्री दिल्‍ली पहुंच चुके हैं. 

इस बैठक में आठ मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. इनमें पीने के पानी, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा की उपलब्धता और गुणवत्ता, जमीन और संपत्ति के डिजिटलीकरण और रजिस्ट्रेशन, साइबर सुरक्षा, सरकारी कामकाज में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की चुनौतियां और अवसर और केंद्रीय योजनाओं को युक्तिसंगत बनाने और राज्यों की भूमिका जैसे मुद्दे शामिल हैं. 

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पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों के मुख्यमंत्री भी राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगे. मुख्यमंत्रियों में हिमंत बिस्वा सरमा (असम), लालदुहोमा (मिजोरम), कोनराड संगमा (मेघालय), नेफ्यू रियो (नागालैंड), एन. बीरेन सिंह (मणिपुर), पेमा खांडू (अरुणाचल प्रदेश), माणिक साहा (त्रिपुरा) और प्रेम सिंह तमांग (सिक्किम) शामिल हैं. 

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कब बना नीति आयोग और क्‍या है काम 

केंद्र में 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद एक जनवरी 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक प्रस्‍ताव के जरिए नीति आयोग का गठन किया गया. इसका पूरा नाम राष्‍ट्रीय भारत परिवर्तन संस्‍था (National Institute for Transforming India) है. यह भारत सरकार का नीति से संबंधित एक थिंक टैंक है. यह सरकार के लिए दीर्घकालीन नीतियां और कार्यक्रम तैयार करता है. केंद्र के साथ ही राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों को तकनीकी सलाह भी देता है.

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नीति आयोग के कार्यों में नीति और कार्यक्रमों की रूपरेखा को तैयार करने के साथ ही सहयोगपूर्ण संघवाद को बढ़ाना, संसाधन केंद्र और ज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करना और इन कामों का मूल्‍यांकन करना शामिल है. नीति आयोग राज्‍यों के सामाजिक और आर्थिक लक्ष्‍यों को हासिल करने में उनकी मदद करता है. साथ ही यह राज्‍यों को देश के हित में काम करने के लिए एक मंच पर लाता है. 

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नीति आयोग को 1950 में बनाए गए योजना आयोग को खत्‍म कर बनाया गया था. योजना आयोग का मुख्‍य काम पंचवर्षीय योजना तैयार करना था. 

ऐसे जानिए नीति आयोग के संगठन को 

नीति आयोग के वर्तमान संगठन को देखें तो इसके अध्‍यक्ष देश के प्रधानमंत्री होते हैं. साथ ही एक उपाध्‍यक्ष के साथ ही पूर्णकालिक सदस्‍य, पदेन सदस्‍य और विशेष आमंत्रित सदस्‍य होते हैं. नीति आयोग के अध्‍यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, वहीं उपाध्‍यक्ष सुमन बेरी हैं. इसके साथ ही पूर्णकालिक सदस्‍यों में डॉ वीके सारस्वत, प्रोफेसर रमेश चंद्र, डॉ. वीके पॉल और अरविंद वीरमानी शामिल हैं. वहीं इसके पदेन सदस्‍यों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हैं. 

इसके साथ ही विशेष आमंत्रित सदस्‍यों में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, एचडी कुमारस्वामी, जीतन राम मांझी, राजीव रंजन सिंह, डॉ. वीरेन्द्र कुमार, के राममोहन नायडू, जुएल ओराम, अन्नपूर्णा देवी, चिराग पासवान और राव इंद्रजीत सिंह शामिल हैं. 

नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल में सभी राज्‍यों के मुख्‍यमंत्री, केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्‍यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल होते हैं.  

विपक्षी गठबंधन करेगा बहिष्‍कार, लेकिन ममता होंगी शामिल 

आम बजट में गैर एनडीए राज्यों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के कुछ अन्य मुख्यमंत्रियों ने बैठक के बहिष्कार का ऐलान किया है. हालांकि इंडिया गठबंधन को झटका देते हुए ममता बनर्जी ने बैठक में हिस्सा लेने का फैसल किया है. ममता बनर्जी के मुताबिक, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन भी बैठक में हिस्सा लेंगे. 

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने काउंसिल की बैठक के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. केरल के मुख्यमंत्री और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता पिनराई विजयन और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (आम आदमी पार्टी) ने भी बैठक में शिरकत नहीं करने का ऐलान किया है. इसके साथ ही कांग्रेस शासित राज्यों कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बैठक में शामिल नहीं होने की घोषणा की है.

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