- निशिकांत दुबे ने लोकसभा में जी राम जी बिल पारित होने के दौरान विपक्षी सांसदों के व्यवहार पर कड़ी आपत्ति जताई.
- दुबे ने आठ विपक्षी सांसदों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस देकर उन्हें बजट सत्र से सस्पेंड करने की मांग की.
- विपक्षी सांसदों द्वारा वेल में कागज फेंकने और नारेबाजी करने की घटना के कारण सदन में हंगामा हुआ था.
लोकसभा में जी राम जी बिल पारित होने के दौरान कांग्रेस और अन्य विपक्षी सांसदों के आचरण को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कड़ा रुख अपनाया है. दुबे ने आठ सांसदों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है.
कल लोकसभा में पारित हुआ था बिल
गुरुवार को संबंधित बिल लोकसभा में पारित हुआ था. इसी दौरान सदन में विपक्षी सांसदों के व्यवहार को लेकर सत्तापक्ष ने आपत्ति जताई थी. बता दें कि विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल यानी VB–G Ram G पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने लोकसभा में जवाब दे रहे थे. इस दौरान विपक्ष बिल के विरोध में नारेबाजी करता रहा. विपक्षी सांसद वेल में पहुंच गए और कागज फेंके.
बजट सत्र से सस्पेंशन की मांग
निशिकांत दुबे ने मांग की है कि जिन सांसदों के खिलाफ नोटिस दिया गया है, उन्हें अगले सत्र, यानी बजट सत्र से सस्पेंड किया जाए. दुबे ने कहा, 'हिंसा करने वाले सांसदों को चुनाव लड़ने से रोकने का कानून बनना चाहिए.' दुबे ने आगे कहा कि सदन चर्चा के लिए होता है. जो सांसद सदन में हिंसा करते हैं, उनके खिलाफ ऐसा कानून बनाया जाए कि वे दोबारा चुनाव न लड़ सकें.'
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'वे सचिवालय कर्मचारियों की हत्या भी कर सकते हैं'
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, 'कांग्रेस, डीएमके और टीएमसी सांसदों ने जो किया, उससे ज्यादा शर्मनाक लोकतंत्र में कुछ नहीं हो सकता. वे स्पीकर के सामने बैठने वाले सचिवालय कर्मचारियों की मेज पर चढ़ गए और नारे लगाने लगे. वे हिंसक हो गए. शायद बापू ने ही उन्हें यह सिखाया होगा. हो सकता है कांग्रेस, डीएमके और टीएमसी की डिक्शनरी में लिखा हो कि बापू लोगों को हिंसक गतिविधियों के लिए उकसाते थे. बापू द्वारा सिखाई गई सत्य, अहिंसा और ईमानदारी की शिक्षा के अनुरूप, हमने 8 सांसदों के खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस भेजा है... हम स्पीकर से मांग करते हैं कि यह सत्र आज समाप्त हो जाए, लेकिन आगामी बजट सत्र तक इन सांसदों को सदन की कार्यवाही से बाहर रखा जाए. उनकी हरकतें देखकर ऐसा लगता है कि वे सचिवालय कर्मचारियों की हत्या भी कर सकते हैं या हिंसा कर सकते हैं. उन्हें मानसिक उपचार के लिए रांची या कांके भेजा जाना चाहिए.'
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राज्यसभा से पास हुआ बिल
बता दें कि कल देर रात राज्यसभा से जी राम जी बिल पास हुआ है. इससे पहले बुधवार को लोकसभा में VB-G-RAM-G बिल पर 14 घंटे चर्चा हुई थी. लोकसभा में कार्यवाही देर रात 1:35 बजे तक चली, जिसमें 98 सांसदों ने हिस्सा लिया था. अब यह बिल राज्यसभा से पास हो चुका है. अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह 20 साल पुराने MGNREGA एक्ट की जगह लेगा.














