जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक (GST Council Meet) के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने पत्रकारों को बैठक के मुख्य फैसलों के बारे में जानकारी दी. निर्मला सीतारमण ने बताया कि कोरोना की दवाओं (Covid-19 Medicines) पर जीएसटी छूट की अवधि बढ़ाई गई है. उन्होंने कहा कि पहली बार हम ऑनलाइन मोड से बाहर निकले हैं. हमने आज लोगों के अनुकूल फैसले लिए हैं. दो जीवन रक्षक दवाओं को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है. ज़ोल्गेन्स्मा और विल्टेप्सो दवाओं पर जीएसटी छूट दी गई है. इन दोनों दवाओं की कीमत करीब 16 करोड़ रुपए है. जिसके चलते जीएसटी काउंसिल ने इन दवाओं पर जीएसटी छूट देने का फैसला किया है. वहीं, मेडिकल उपकरणों पर जीएसटी छूट नहीं दी गई है.
उन्होंने कहा कि कोरोना संबंधित दवाओं पर हमने 31 दिसंबर, 2021 तक जीएसटी रियायतें बढ़ा दी हैं. इससे पहले इन दवाओं पर छूट 30 सितंबर, 2021 तक वैध थीं. कैंसर से संबंधित दवाओं पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है. दिव्यांगों के लिए रेट्रोफिटमेंट किट पर अब 5% जीएसटी लगेगा.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा या नहीं, इस पर मीडिया में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. मैं यह पूरी तरह से स्पष्ट कर देती हूं कि यह आज के एजेंडे में विशुद्ध रूप से केरल उच्च न्यायालय के आदेश के कारण आया है. कोर्ट ने इस मामले को पहले जीएसटी काउंसिल के सामने रखने का सुझाव दिया था. उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद का मानना है कि यह समय पेट्रोलियम पदार्थों को माल एवं सेवा कर के दायरे में लाने का नहीं है.
कलम पर 18 प्रतिशत की एकल दर से जीएसटी लगेगा, वहीं विशिष्ट नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों पर 12 प्रतिशत माल एवं सेवा कर लगेगा. जीएसटी परिषद ने कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं पर कर दर को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया है.
सीतारमण ने कहा कि बायो-डीजल पर GST 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है. जिन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सरकार 75% खर्च करती है, ऐसे कार्यक्रमों को जीएसटी से बाहर रखा गया है.
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