लंदन में भारतीय उच्‍चायोग के सामने प्रदर्शन की जांच करेगी NIA, मिले पाकिस्‍तानी-खालिस्‍तानी साजिश के इनपुट

भारतीय उच्चायोग के सामने हुए प्रदर्शन का मामला पहले काउंटर टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन देख रही थी, जिसे गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एनआईए ने टेकओवर किया है.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins

ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्‍चायोग पर खालिस्‍तान समर्थकों ने कुछ वक्‍त पहले प्रदर्शन किया था. (फाइल)

नई दिल्‍ली:

ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने हुए प्रदर्शन के मामले की जांच अब केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए करेगी. दरअसल, प्रदर्शन मामले में पाकिस्तानी और खालिस्तानी समर्थकों से जुड़े साजिश के इनपुट्स मिले हैं, जिसके बाद एनआईए ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा दर्ज मामले को टेकओवर कर लिया है. जानकारी के मुताबिक, यह केस पहले काउंटर टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन (सीटीसीआर) देख रही थी, जिसे गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एनआईए ने टेकओवर किया है.

सीटीसीआर की जांच में अवतार सिंह खांडा, गुरचरण सिंह और जसवीर सिंह की भूमिका सामने आई है. जांच में पाया गया है कि खांडा के माता-पिता दोनों 1990 के दशक में पंजाब में आईएसआई प्रायोजित आतंकवादी आंदोलन का हिस्सा थे. यही नहीं खांडा के पिता कुलवंत सिंह खुकराना केएलएफ के आतंकवादी थे और मां केएलएफ नेता गुरजंट सिंह बुद्धसिंहवाला से संबंधित थी. 

एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने NDTV को बताया, "खांडा ने एक छात्र वीजा पर ब्रिटेन में प्रवेश किया और अब भारत में अपने समुदाय के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर यूके सरकार से अपने और दूसरों के लिए राजनीतिक शरण चाहता है." 

Advertisement

उनके मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद NIA ने ताजा मामला UAPA के तहत दर्ज किया है. NIA को मामला सौंपने का फैसला गृह मंत्रालय ने 5वें भारत-ब्रिटेन गृह मामलों के डॉयलॉग के दौरान लिया. इस बैठक में भारत ने ब्रिटेन में बढ़ते अलगाववाद और राजनीतिक शरण चाह रहे लोगों के खिलाफ भी अपनी आवाज बुलंद की थी. 

Advertisement

NIA के एक आला अधिकारी ने NDTV को बताया, “ब्रिटेन की सरकार ने सिख चरमपंथियों द्वारा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को उनके विरोध और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के हिस्से के रूप में खारिज करने की कोशिश की है, नरेंद्र मोदी सरकार इस घटना को ब्रिटिश सरकार के साथ अपने भविष्य के संबंधों के बैरोमीटर के रूप में देख रही है. मोदी सरकार चाहती है कि प्राथमिकी में नामजद लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और जल्द की जाए.” 

Advertisement

उन्‍होंने कहा कि जिन लोगों ने उस प्रदर्शन में हिस्सा लिया था, उनकी शिनाख्त की जा रही है ताकि कार्रवाई की जा सके. उन्‍होंने कहा, "आपराधिक मामला तो है ही उन लोगों के वीसा भी कैंसिल किए जा सकते हैं." 

Advertisement

ये भी पढ़ें :

* भारत आज बहुत मजबूत, अपने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान नहीं करेगा स्वीकार: जयशंकर
* लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने प्रदर्शन के मामले में दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया केस
* अमृतपाल सिंह पर खालिस्तान समर्थकों को ब्रिटेन में भारत कैसे दे रहा जवाब? 10 प्वाइंट्स