ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने हुए प्रदर्शन के मामले की जांच अब केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए करेगी. दरअसल, प्रदर्शन मामले में पाकिस्तानी और खालिस्तानी समर्थकों से जुड़े साजिश के इनपुट्स मिले हैं, जिसके बाद एनआईए ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा दर्ज मामले को टेकओवर कर लिया है. जानकारी के मुताबिक, यह केस पहले काउंटर टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन (सीटीसीआर) देख रही थी, जिसे गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एनआईए ने टेकओवर किया है.
सीटीसीआर की जांच में अवतार सिंह खांडा, गुरचरण सिंह और जसवीर सिंह की भूमिका सामने आई है. जांच में पाया गया है कि खांडा के माता-पिता दोनों 1990 के दशक में पंजाब में आईएसआई प्रायोजित आतंकवादी आंदोलन का हिस्सा थे. यही नहीं खांडा के पिता कुलवंत सिंह खुकराना केएलएफ के आतंकवादी थे और मां केएलएफ नेता गुरजंट सिंह बुद्धसिंहवाला से संबंधित थी.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने NDTV को बताया, "खांडा ने एक छात्र वीजा पर ब्रिटेन में प्रवेश किया और अब भारत में अपने समुदाय के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर यूके सरकार से अपने और दूसरों के लिए राजनीतिक शरण चाहता है."
उनके मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद NIA ने ताजा मामला UAPA के तहत दर्ज किया है. NIA को मामला सौंपने का फैसला गृह मंत्रालय ने 5वें भारत-ब्रिटेन गृह मामलों के डॉयलॉग के दौरान लिया. इस बैठक में भारत ने ब्रिटेन में बढ़ते अलगाववाद और राजनीतिक शरण चाह रहे लोगों के खिलाफ भी अपनी आवाज बुलंद की थी.
NIA के एक आला अधिकारी ने NDTV को बताया, “ब्रिटेन की सरकार ने सिख चरमपंथियों द्वारा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को उनके विरोध और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के हिस्से के रूप में खारिज करने की कोशिश की है, नरेंद्र मोदी सरकार इस घटना को ब्रिटिश सरकार के साथ अपने भविष्य के संबंधों के बैरोमीटर के रूप में देख रही है. मोदी सरकार चाहती है कि प्राथमिकी में नामजद लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और जल्द की जाए.”
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने उस प्रदर्शन में हिस्सा लिया था, उनकी शिनाख्त की जा रही है ताकि कार्रवाई की जा सके. उन्होंने कहा, "आपराधिक मामला तो है ही उन लोगों के वीसा भी कैंसिल किए जा सकते हैं."
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