प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आज का नया भारत, नई दुनिया के साथ चलने के लिए तत्परता से चलने के लिए तैयार है. पीएम मोदी ने कान्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) की बैठक में यह बात कही.पीएम ने कहा कि वैश्विक महामारी के इस दौर में आज की ये बैठक बहुत अहम है. मास्क, PPE किट, वेंटीलेटर से लेकर, टीकाकरण तक, देश को जो भी जरूरत पड़ी, जब भी जरूरत पड़ी, उद्योगों ने आगे बढ़कर हर संभव योगदान दिया. CII की यह बैठक इस बार 75वें स्वतंत्रता दिवस के माहौल में, आजादी के अमृत महोत्सव के बीच हो रही है. ये बहुत बड़ा अवसर है, भारतीय उद्योग जगत के नए संकल्पों के लिए, नए लक्ष्यों के लिए. आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता का बहुत बड़ा दायित्व, भारतीय उद्योगों पर है.उन्होंने कहा कि आईटी सेक्टर में रिकॉर्ड हाइरिंग से संबंधित रिपोर्ट भी हमने देखी है. ये देश में डिजिटलीकरण और डिमांड की ग्रोथ का ही परिणाम है.ऐसे में हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम इन अवसरों का उपयोग करते हुए, अपने लक्ष्यों की ओर दो गुनी गति से बढ़ें. आज का नया भारत, नई दुनिया के साथ चलने के लिए तैयार है, तत्पर है. जो भारत कभी विदेशी निवेश से आशंकित था, आज वह हर प्रकार के निवेश का स्वागत कर रहा है.
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पीएम ने कहा कि एक समय था जब हमें लगता था कि जो कुछ भी विदेशी है, वही बेहतर है. इस मनोविज्ञान का परिणाम क्या हुआ, ये आप जैसे इंडस्ट्री के दिग्गज भलीभांति समझते हैं. हमारे अपने ब्रांड भी, जो हमने सालों की मेहनत के बाद खड़े किए थे, उनको विदेशी नामों से ही प्रचारित किया जाता था. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज स्थिति तेजी से बदल रही है. आज देशवासियों की भावना, भारत में बने प्रोडक्ट्स के साथ है. कंपनी भारतीय हो, ये जरूरी नहीं, लेकिन आज हर भारतीय, भारत में बने प्रोडक्ट्स को अपनाना चाहता है.
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पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि आज देश में वो सरकार है जो राष्ट्रहित में बड़े से बड़ा रिस्क उठाने के लिए तैयार है. GST तो इतने सालों तक अटका ही इसलिए क्योंकि जो पहले सरकार में थे वो राजनीतिक जोखिम लेने की हिम्मत नहीं जुटा पाए. हमने न सिर्फ GST लागू किया बल्कि आज हम रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन होते देख रहे हैं. मेक इन इंडिया के साथ-साथ एक्सपोर्ट और रोजगार को गति देने के लिए देश ने प्रभावी PLI स्कीम भी शुरू की हैं. ये सभी रिफॉर्म इसलिए हो रहे हैं, क्योंकि आज देश में जो सरकार है वो रिफॉर्म compulsion में नहीं कर रही, बल्कि ये हमारे लिए conviction का विषय है.उन्होंने कहा कि आज भारत के युवा जब मैदान में उतरते हैं, तो उनमें हिचक नहीं होती. वो मेहनत करना चाहते हैं, वो रिस्क लेना चाहते हैं, वो नतीजे लाना चाहते हैं. हां हम इस स्थान के हकदार हैं (Yes, We belong to this place) ये भाव आज हम अपने युवाओं में देख रहे हैं. इसी प्रकार का आत्मविश्वास आज भारत के स्टार्टअप में हैं.