टैक्स छूट पाना आसान-मुकदमेबाजी कम होगी...न्यू इनकम टैक्स बिल आज संसद में होगा पेश, करदाताओं को राहत

New Income Tax Bill 2025: सरकार नया आयकर कानून संसद में पेश करने जा रही है. इससे करदाताओं को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना आसान हो जाएगा.

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New Income Tax Bill 2025
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार 21 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र में करीब 14 विधेयकों को पारित कराने की तैयारी में है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण विधेयक नया आयकर कानून यानी न्यू टैक्स बिल है. इस विधेयक से जुड़ी प्रवर समिति की रिपोर्ट लोकसभा में सोमवार को पेश होगी.इसके बाद सदन में विधेयक पेश कर चर्चा कराई जाएगी. नया बिल टैक्सपेयर्स के लिए रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाएगा. वहीं टीडीएस-टीसीएस की कटौती भी सरल होगी. जो लोग टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं, वो महज एक सिंपल फॉर्म के जरिये ही रिटर्न दाखिल कर पाएंगे. 

नए आयकर अधिनियम के जरिये सरकार 64 साल पुराने इनकम टैक्स कानून में बदलाव करेगी, जो 1961 में बना था. नया आयकर कानून संक्षिप्त, आसान और करदाताओं के लिए कम झंझट वाला होगा. न्यू इनकम टैक्स बिल 2025 करदाताओं और सरकार के बीच मुकदमेबाजी कम करेगा. 

आयकर कानून का ये विधेयक पहले बजट सत्र के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया था, लेकिन फिर सांसदों के सुझाव पर प्रवर समिति को भेज दिया गया था. समिति ने अपने सुझावों के साथ रिपोर्ट तैयार कर किया है. समिति ने 285 संशोधन इस बिल में सुझाव हैं. माना जा रहा है कि ये विधेयक अब आसानी से लोकसभा और राज्यसभा में पारित हो जाएगा. 

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नया विधेयक ऐसा होगा कि आम जनता के भी समझ में आ सके. पुराने कानून की जटिलताओं और अस्पष्ट परिभाषाओं के कारण अक्सर टैक्सपेयर्स झंझटों और मुकदमेबाजी में फंस जाते हैं. नए विधेयक में इस पर ही फोकस किया गया है. नए बिल में 5 लाख 12 हजार की जगह 2 लाख 60 हजार शब्द ही नए विधेयक में हैं. इसमें 47 की जगह अब सिर्फ 23 अध्याय होंगे. जबकि सेक्शन भी 819 की जगह 536 होंगे. 

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टीडीएस-टीसीएस पर फोकस
अग्रिम कर कटौती को लेकर टीडीएस और टीसीएस के प्रावधानों को भी नए विधेयक में ज्यादा स्पष्ट किया गया है. इसीलिए इसमें 18 की जगह 57 धाराएं इसमें रखी गई हैं. इसमें 12 सौ से ज्यादा अप्रचलित प्रावधानों को हटाया गया है. 

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सिर्फ टैक्स ईयर होगा
नया विधेयक असेसमेंट ईयर और प्रीवियस ईयर के स्थान पर सिर्फ टैक्स ईयर के तौर पर परिभाषित किया गया है. ये विधेयक इससे करदाताओं के लिए एकरूपता लाएगा. उदाहरण के तौर पर इस बार टैक्सेशन ईयर 2024-25 है, यानी जिस साल की सालाना आय पर आपकी कर देनदारी बनती है. लेकिन आपका रिटर्न एसेसमेंट ईयर 2025-26 में दाखिल होगा. संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा. 

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टैक्स दायरे से बाहर करदाताओं को राहत मिलेगी
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, करदाताओं में जिन्हें सिर्फ इनकम टैक्स रिफंड के लिए आईटीआर नहीं भरना होता है, उनके लिए रिटर्न फाइल करना और आसान बनाया जाएगा. अगर वो टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं तो सिर्फ एक सिंपल फॉर्म भरना होगा. उन्हें टैक्स में छूट के दावों से जुड़े तमाम जानकारियां साझा नहीं करनी होंगी. खबरों के मुताबिक, प्रवर समिति ने इससे संबंधित सिफारिश की है. समिति ने पाया है कि सिर्फ टैक्स रिफंड के लिए रिटर्न फाइलिंग मुकदमेबाजी और झंझट को बढ़ाती है, खासकर उन करदाताओं के लिए, जिनकी सालाना आय टैक्स के दायरे से बाहर होती है. लेकिन उनका टीडीएस कट जाता है. 

विधेयक में क्या अहम 
1. 536 की जगह 246 धाराएं होंगी नए कानून में
2. इनकम टैक्स कानून में 285 नए संशोधन का सुझाव
3. टीडीएस-टीसीएस के नियम सरल किए गए
4.टैक्सेशन और असेसमेंट ईयर की जगह टैक्स ईयर
5. 47 की जगह 23 चैप्टर रहेंगे नए एक्ट में

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