NEET-UG परीक्षा नहीं होगी दोबारा, SC का बड़ा फैसला- रिटेस्ट कराने के होंगे बड़े परिणाम

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अदालत को लगता है कि इस वर्ष के लिए नए सिरे से नीट-यूजी परीक्षा का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा.

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नई दिल्‍ली:

नीट-यूजी परीक्षा (NEET-UG Exam) मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने की मांग को खारिज कर दिया है और कहा कि रिटेस्‍ट कराने के बड़े परिणाम होंगे. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डेटा से यह नहीं लगता है कि सिस्टेमैटिक ब्रीच हुआ है या पूरी परीक्षा की गरिमा प्रभावित हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अदालत को लगता है कि इस वर्ष के लिए नए सिरे से नीट यूजी का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जो इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से अधिक छात्रों के लिए होगा और प्रवेश कार्यक्रम में व्यवधान पैदा करेगा. चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम और भविष्य में योग्य चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता पर भी असर पड़ेगा. यह वंचित समूह के लिए गंभीर रूप से नुकसानदेह होगा, जिनके लिए सीटों के आवंटन में आरक्षण किया गया था. 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई मैटरियल नहीं मिला जो दिखाता हो कि पूरी परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है. साथ ही सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जिन लोगों ने गड़बड़ी का फायदा उठाया है, उनकी बेदाग कैंडिडेट से अलग कर पहचान कर पाना संभव है, आगे चलकर गड़बड़ी पाई जाती है तो भी उसका एडमिशन रद्द किया जा सकता है. 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वर्तमान चरण में रिकॉर्ड पर ऐसी कोई सामग्री नहीं है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि परीक्षा का परिणाम दूषित था या परीक्षा की पवित्रता में प्रणालीगत उल्लंघन हुआ था. 

फिजिक्‍स के सवाल का चौथा विकल्‍प है सही : सुप्रीम कोर्ट 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि NEET में कोई सिस्टेमैटिक ब्रीच नहीं मिला है. साथ ही फिजिक्‍स के विवादित सवाल को लेकर कहा कि उसका सही जवाब विकल्‍प 4 है. कोर्ट ने कहा कि हम आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट को स्वीकार करते हैं और उसके उत्तर के हिसाब से नीट-यूजी का फिर रिजल्ट जारी करें और विकल्प 4 को प्रश्न का एकमात्र सही उत्तर माना जाए. 

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व्‍यक्तिगत शिकायत होने पर जा सकते हैं हाईकोर्ट : सुप्रीम कोर्ट 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनटीए ने 1563 उम्मीदवारों के लिए एक विशेष परीक्षा आयोजित की थी और उन्हें या तो दोबारा परीक्षा देने या ग्रेस अंक छोड़ने का विकल्प दिया गया था. एनटीए को तदनुसार कार्य करने का निर्देश दिया जाता है. हमारे सामने मुख्य मुद्दा परीक्षा की पवित्रता और क्या दोबारा परीक्षा की आवश्यकता है, यह है. हम स्पष्ट करते हैं कि यदि किसी छात्र को इस निर्णय में दिए गए उत्तरों के संबंध में कोई व्यक्तिगत शिकायत है तो वह सक्षम क्षेत्राधिकार वाले उच्च न्यायालयों से संपर्क कर सकता है. 

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इस अदालत के निर्देशों का पालन करेगी समिति : सुप्रीम कोर्ट 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत को यह भी बताया गया कि संघ ने सात सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है. समिति इस न्यायालय द्वारा जारी किए जाने वाले आगे के निर्देशों का पालन करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नीट-यूजी परीक्षा आयोजित करने की प्रक्रिया को विधिवत रूप से मजबूत किया जाए, जिससे अब उद्धृत मुद्दे भविष्य में उत्पन्न न हों. 

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