ना ताला टूटा मिला ना ही पेपर लीक का संकेत...; नीट मामले में एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जवाब

नीट परीक्षा को लेकर देशभर में कितना बवाल हुआ है, ये किसी से छिपा नहीं है. राजनीतिक दलों के लिए तो इस मुद्दे को लेकर सियासत करते नजर आए. अब नीट पेपर लीक मामले में एनटीए ने जवाब दाखिल करते हुए सुप्रीम कोर्ट को क्या बताया, यहां जानिए.

Advertisement
Read Time: 6 mins
नई दिल्ली:

नीट परीक्षा पर इस बार संसद से लेकर सड़क तक हंगामा देखने को मिला. इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि ये मामला अदालत जा पहुंचा. अब इस मामले में  NTA ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में NTA ने कहा कि पटना/हजारीबाग मामले में किसी भी ट्रंक में कोई प्रश्न पत्र गायब नहीं पाया गया. प्रत्येक प्रश्न पत्र में एक अद्वितीय क्रमांक होता है और उसे एक विशेष उम्मीदवार को सौंपा जाता है. साथ ही बताया गया कि कोई भी ताला टूटा हुआ नहीं मिला. एनटीए पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट में कुछ भी प्रतिकूल नहीं बताया गया. कमांड सेंटर में सीसीटीवी कवरेज की लगातार निगरानी की गई. इसलिए कोई अप्रिय घटना या पेपर लीक होने का कोई संकेत नजर नहीं आया.

नीट पेपर लीक मामले में टेलीग्राम की वीडियो फर्जी

एनटीए ने टेलीग्राम पर कथित लीक की बात को भी नकार दिया है. NTA ने कहा कि 4 मई को टेलीग्राम पर लीक हुए परीक्षा पेपर की तस्वीर दिखाई गई है, लेकिन एक तस्वीर, जिसे एडिट किया गया था. वहीं जिसमें 5 मई, 2024 को 17:40 बजे का टाइम दिख रहा है.  इसके अतिरिक्त, टेलीग्राम से संकेत मिलता है कि सदस्यों ने वीडियो को नकली बताया. प्रारंभिक लीक की गलत धारणा बनाने के लिए टाइमस्टैम्प में हेरफेर किया गया था. सोशल मीडिया पर टिप्पणियां और चर्चाएं इस बात की पुष्टि करती हैं कि वीडियो में तस्वीरों को एडिट किया गया था, और 4 मई के लीक का सुझाव देने के लिए तारीख को जानबूझकर एडिट किया गया था.

सोशल मीडिया पर टिप्पणियां और चर्चाएं इस बात की पुष्टि करती है कि वीडियो में तस्वीरों को एडिट किया गया था और 4 मई के लीक का सुझाव देने के लिए तारीख को जानबूझकर एडिट किया गया था.

एनटीए की तरफ से कहा गया कि ट्रंक से कोई प्रश्नपत्र गायब नहीं है. व्हाट्सऐप और टेलीग्राम के जमाने में पेपर गायब कौन करता है. फोटो खींचकर सर्कुलेट करता है. इसके साथ ही ये कहा गया है कि परीक्षा को विवादित करने के लिए टेलीग्राम की स्क्रीन शॉट्स को एडिट किया गया. NEET की परीक्षा को विवादास्पद कौन बनाना चाहता है, इस सवाल का भी कोई जवाब नहीं है. कुल मिलाकार जब जांच से पहले ही सरकार किसी भी तरह की गड़बड़ियों की बात नकार रही हो तो इसी तरह के एफिडेविट की उम्मीद थी. सरकार ने ये भी नहीं बताया कि इन सात सदस्यों की कमेटी में कौन कौन लोग शामिल हैं.

Advertisement

61 उम्मीदवारों को 720 अंक दिए जाने दी पर दी सफाई

स्क्रीनशॉट वीडियो में किए गए दावों की मनगढ़ंत प्रकृति को उजागर करते हैं. NTA ने 61 उम्मीदवारों को 720 अंक पर दी सफाई कहा कि 61 उम्मीदवारों में से केवल 17 उम्मीदवार थे, जिन्हें 720 अंक मिले थे. लेकिन 44 उम्मीदवारों को भौतिकी की एक उत्तर कुंजी में संशोधन के कारण 720 अंक मिले. एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक के पुराने और नए संस्करणों में अंतर के कारण, विषय विशेषज्ञों ने माना कि इस प्रश्न के लिए एक विकल्प के स्थान पर दो विकल्प सही माने जा सकते हैं. 44 उम्मीदवार जिन्होंने गलत विकल्प चुना था और पहले 715 अंक प्राप्त किए थे, उत्तर कुंजी के संशोधन के कारण 720 अंक प्राप्त करने में सक्षम हुए.

Advertisement
NTA ने 61 उम्मीदवारों को 720 अंक पर सफाई देते हुए कहा कि 61 उम्मीदवारों में से केवल 17 उम्मीदवार थे, जिन्हें 720 अंक मिले थे.

कितने उम्मीदवारों ने हासिल किए 720 अंक

इस प्रकार, उत्तर कुंजी के संशोधन के बिना वास्तविक उम्मीदवार केवल 17 उम्मीदवार थे जो पिछले वर्षों की तुलना में संख्या में बहुत अधिक नहीं है. 720/720 अंक प्राप्त करने वाले 17 उम्मीदवार  15 शहरों में स्थित 16 केंद्रों पर हैं. इसी तरह, अंतिम उत्तर कुंजी पर 720/720 अंक प्राप्त करने वाले 61 उम्मीदवारों को देश भर के 41 शहरों में स्थित 58 केंद्रों पर है.

Advertisement

56 शहरों में 95 केंद्रों पर फैले हैं टॉपर्स: NTA 

यह प्रस्तुत किया गया है कि याचिकाकर्ता का यह आरोप कि उच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या केवल कुछ केंद्रों से है, पूरी तरह से निराधार है. इस संबंध में, शीर्ष 100 उम्मीदवारों के परिणाम का विश्लेषण किया गया और यह बताया गया है कि वे देश के 18 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 56 शहरों में स्थित 95 केंद्रों पर फैले हुए हैं. यह विविध वितरण विभिन्न क्षेत्रों और शैक्षिक पृष्ठभूमि के छात्रों के बीच व्यापक भागीदारी और प्रतिस्पर्धी भावना को उजागर करता है.

Advertisement
शीर्ष 100 उम्मीदवारों के परिणाम का विश्लेषण किया गया और यह बताया गया है कि वे देश के 18 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 56 शहरों में स्थित 95 केंद्रों पर फैले हुए हैं.

संदिग्ध छात्रों पर कैसे रहेगी नजर

NTA ने कहा कि अनुचित साधनों का उपयोग करने वाले संदिग्ध छात्रों को अन्य छात्रों से अलग रखा जाएगा. भारत सरकार ने पहले ही यह कार्य IIT मद्रास नामक एक विशेषज्ञ संस्था को सौंप दिया है. जिसने यह कार्य पूरा कर लिया है और इस संबंध में भारत सरकार द्वारा एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जा रही है. एनईईटी की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए इसके बाद जो कदम उठाए जाएंगे. यह अभ्यास सात सदस्यीय समिति के समन्वय में किया जा रहा है जिसमें विभिन्न विषयों/विशेषज्ञता के क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हैं जिन्हें सरकार द्वारा 22.06.2024 को पहले ही नियुक्त किया जा चुका है.

परीक्षा को लेकर किन विकल्पों पर चर्चा

जिन विकल्पों पर विचार किया जा रहा है वह हितधारकों के परामर्श के अधीन परीक्षा के संचालन के तरीके को बदलना है और अंतिम रूप पेन और पेपर मोड (ओएमआर आधारित) से कंप्यूटर-आधारित परीक्षण (सीबीटी) मोड में रूपांतरण है. साथ ही आगे के विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं ताकि परीक्षा की पवित्रता और अखंडता को प्रभावित करने वाले किसी भी कदाचार की घटना को पूरी तरह से रोका जा सके.

81 कैंडिडेट्स का रिजल्ट रोका गया

लाभार्थियों की पहचान के लिए अपनाए जाने वाले तौर-तरीकों के संबंध में, यह प्रस्तुत किया गया है कि सीबीआई द्वारा जांच पहले से ही चल रही है और एनटीए शहर समन्वयकों और अन्य परीक्षा ओटीएआराइटप्लाई पदाधिकारियों से आगे की जानकारी मांगकर पूछताछ करेगा और उचित कार्रवाई करेगा. NTA का कहना है कि कुल 153 केस गड़बड़ियों के सामने आए है. कमेटी की सिफारिश के आधार पर 81 कैंडिडेट्स का रिजल्ट रोका गया है. 54 कैंडिडेट्स को 3 साल के लिए परीक्षा में बैठने के अयोग्य करार दिया गया है.

Featured Video Of The Day
Jammu-Kashmir Assembly Elections: डल झील से 'हाउस VOTE': क्या J&K में अपने बूते सरकार बनाएगी BJP?
Topics mentioned in this article