होम बायर्स के लिए उम्मीद की किरण, जानें नोएडा-ग्रेटर नोएडा में कैसे पूरा होगा घर खरीदने का सपना

NDTV Real Estate Conclave में एक्सपर्ट ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा में शुरू हो रहे नए टाउनशिप प्रोजेक्ट्स, पजेशन मिले घरों की रजिस्ट्री और अच्छे प्लॉट को लेकर विस्तार से चर्चा की.

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NDTV Real Estate Conclave में नोएडा-ग्रेटर नोएडा के लिए नए टाउनशिप प्रोजेक्ट्स पर हुआ मंथन.
नई दिल्ली:

हमसे से हर किसी का सपना होता है कि खुद का घर हो. जिसके पास पहले से फ्लैट है, वह दूसरा फ्लैट खरीदना (NDTV Real Estate Conclave) चाहता है. जो फ्लैट में रह कर उब गया है, वह प्लॉट लेना चाहता है. लेकिन इस समय दिल्ली एनसीआर में प्लॉट के रेट हाई हो गए है. लेकिन आपके रेसिडेंसियल प्लॉट (Residential Plots Flats in Noida) का सपना नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम (Property rate in Noida Greater Noida) में पूरा हो सकता है. रेसिडेंसियल प्लॉट की यह स्कीम नोएडा प्राधिकरण ला रहा है. वहीं अटके पड़े घरों की रजिस्ट्री भी जल्द शुरू होने वाली है. इसके लिए नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की लीडरशिप में बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है, जिसपर तेजी से काम हो रहा है. 

NDTV Real Estate Conclave में एक्सपर्ट ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा में शुरू हो रहे नए टाउनशिप प्रोजेक्ट्स, पजेशन मिले घरों की रजिस्ट्री और अच्छे प्लॉट को लेकर विस्तार से चर्चा की. इस दौरान यूपी रेरा (UP RERA) के पूर्व चेयरमैन राजीव कुमार, अभिषेक कुमार, मनोज गौड़ समेत कई जानकारों ने अपने विचार रखे. वहीं, गौतम बुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा ने जनता के सीधे सवालों का जवाब दिया.

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यूपी रेरा के पूर्व चेयरमैन राजीव कुमार ने क्या कहा? 
यूपी रेरा के पूर्व चेयरमैन राजीव कुमार ने NDTV Real Estate Conclave में कहा, "रेरा इसलिए आया, क्योंकि कुछ इलाकों में बायर्स में जबरदस्त क्रेज था. 2017 से रेरा लागू हुआ. रेरा में जो दो तीन चीजें है वो बहुत अहम है. जो जानकारी बिल्डर को थी वो बायर्स को मालूम नहीं थी. अब लेकिन आप एक क्लिक पर अपने प्रोजेक्ट की कोई भी जानकारी ले सकते हैं."

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उन्होंने बताया, "मैं अपने बायर्स को बधाई देना चाहूंगा कि जो इसका प्रयोग कर रहे हैं. इस माध्यम से लोगों को बेसिक जानकारी मिली. दूसरी अहम चीज है कि जो भी पैसा ग्राहक का आएगा, वो 70 फीसदी पैसा कंस्ट्रक्शन के लिए रखना जरूरी है." राजीव कुमार ने कहा, "बिल्डर्स ने भी रेरा के प्रावधान को सही से लागू किया. अगर कोई विवाद होता है, तो उसके क्विक रिस्पांस के लिए इसे बनाया गया है. अब ऐसे मुद्दों को कुछ महीनों में ही सुलझा लिया जाता है." 

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अभिषेक कुमार ने क्या कहा? 
आवास मंत्रालय के सेंट्रल कमेटी के मेंबर अभिषेक कुमार ने कहा, "2016 के बाद जो भी प्रोजेक्ट लॉन्च हो रहे हैं, उनमें रेरा की वजह से ट्रांसप्रेंसी दिखती है. रेरा के आने से वकीलों के पीछे होने वाला खर्च  बच गया है. समस्या उन प्रोजेक्ट में है जो 2016 से पहले के हैं." 

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मनोज गौड़ ने क्या कहा?
गौर संस इंडिया ग्रुप के एमडी और चेयरमैन मनोज गौड़ ने कहा, "हम बायर्स को पहले अवेयर करते थे कि उन्हें खीरदने से पहले किन चीजों पर ध्यान देना चाहिए. रेरा के आने के बाद बायर्स का परसेप्शन बदल दिया है. आज जितने भी प्रोजेक्ट हैं जो 2016 से पहले के हैं, उनमें ही दिक्कत है. इसके बाद जो शुरू हुए हैं उनमें किसी तरह की दिक्कत नहीं है." 

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हर्ष बंसल ने क्या कहा?
यूनिटी ग्रुप के को-फाउंडर हर्ष बंसल ने कहा, "रेरा के आने के बाद उम्मीद की किरण जगाई है. रेरा के आने के बाद ट्रांसपिरेंसी आई है. पहले जो बिल्डर कमिटमेंट करते थे वो सिर्फ कागजों तक होती थी लेकिन रेरा के आने के बाद अब वो कमिटमेंट जमीन पर उतरे इसपर जोर दिया जा रहा है." उन्होंने कहा, "रेरा के आने के बाद टाइम बाउंड कंप्लीशन की बात कही गई है. रेरा में एक साल से ज्यादा के एक्शटेंशन का प्रोविजन ही नहीं है. रेरा रजिस्ट्रेशन के बाद आप बायर्स से डाक्यूमेंट बनाने के बाद ही 10 फीसदी से ज्यादा पैसे ले सकते हैं. बायर्स का इंटरेस्ट इससे काफी सेफ हो जाता है." 

हर्ष बंसल ने कहा, "हम 2016 से पहले और 2016 के बाद के प्रोजेक्ट के तौर पर रियल एस्टेट कारोबार को दो भाग में देखते हैं. रेरा 2016 के बाद आया है. इसलिए ऐसे प्रोजेक्ट में दिक्कत कम है. या कहूं तो ना के बराबर है." 

तरुण भाटिया ने क्या कहा?
नेशनल एसोसिएशन ऑफ रियलटर्स के पूर्व अध्यक्ष तरुण भाटिया ने क्या कहा, "हरियाणा में भी रेरा से अच्छी शुरुआत हुई है. रेरा के आने के बाद जवाबदेही काफी बढ़ी है. 2016 से पहले जवाबदेही काफी कम थी. लेकिन आज रेरा के आने के बाद डेवलपर्स और बायर्स को एक साथ बांध दिया है. आज जो एग्रीमेंट बने हैं उनमें सभी चीजें नियमों के अधीन है. हरियाणा में रेरा में जो दिक्कत है वो है मैन पावर की. हम लगातार इसपर काम कर रहे हैं लेकिन अभी काफी भी केस वेटिंग में हैं. कुछ कुछ रेरा ऑथिरिटी ने डाल्यूट कर लिए हैं." 

तरुण भाटिया ने कहा, "महारेरा एक बहुत प्रोग्रेसिव अथॉरिटी है. इसके नियम काफी अच्छे हैं. महारेरा ने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया कि हर पांच साल पर आपको जब रेरा शुरू होता है तो आपको पिर से एग्जाम देना है."

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गौतम बुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा ने क्या कहा?
NDTV Real Estate Conclave में नोएडा के सांसद डॉ. महेश शर्मा (Mahesh Sharma) ने कहा कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा में सालों से सैकड़ों रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट में अटके फ्लैट की रजिस्ट्री अब जल्द शुरू होने वाली है. इस संदर्भ में नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत (Amitabh Kant) की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दी है. इसमें अथॉरिटी के बकाये प्रोजेक्ट में भी घर खरीदरों को उनके फ्लैट की रजिस्ट्री कराने का सुझाव दिया गया है.

उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद बहुत सारे प्रोजेक्ट का काम अटका हुआ है. रेरा की पहल पर कुछ प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ है. अटके प्रोजेक्ट से सबसे अधिक नुकसान होम बायर्स को हो रहा है. ऐसे में कोशिश है कि रुके हुए प्रोजेक्ट जल्द से जल्द शुरू किए जाए, ताकि रजिस्ट्री का काम जल्द से जल्द पूरा हो सके.

सांसद महेश शर्मा ने NDTV रियल एस्टेट कॉन्क्लेव में बताया कि अगले तीन महीने में नोएडा एक्सटेंशन में मेट्रो सर्विस और सिटी ट्रांसपोर्ट का काम शुरू हो जाएगा. इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की गई है. मेरी समझ से कुछ भी हो... लेकिन सेक्टर 52 के बाद से नोएडा एक्सटेंशन तक मेट्रो सर्विस शुरू होने का काम सबसे पहले होना चाहिए. यहां मेट्रो का जाल आने से ट्रैफिक की समस्या आधी रह जाएगी." 

RERA क्या है?
RERA यानी रियल एस्टेट विनियमन एवं विकास अधिनियम ( The Real Estate Regulation and Development Act 2016) का शॉर्ट फॉर्म है. यह अधिनियम भारत के रियल एस्टेट मार्केट को नियंत्रित करता है. यह अधिनियम 2016 में संसद में पारित किया गया था. 1 मई, 2016 को इसे लागू किया गया. हालांकि, RERA अधिनियम 2016 में हर राज्य के RERA प्राधिकरण के सबसेट हैं. इसी तरह, उत्तर प्रदेश में भी एक रियल एस्टेट नियामक संस्था है जिसे UP RERA या यूपी रेरा के नाम से जाना जाता है. यह संस्था यानी RERA UP 27 अक्टूबर, 2016 को स्थापित की गई. इसका उद्देश्य घर खरीदारों के हितों की रक्षा करना और उत्तर प्रदेश में रियल एस्टेट निवेश को बढ़ावा देना है.

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