Ground Report: 'घर में ही खिलाएं कुत्तों को खाना', सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर क्या बोले डॉग लवर्स?

'जहां बुजुर्ग, बच्चे आते और जाते हैं, वहां पर कुत्तों को खाना नहीं खिला सकते. सोसायटी के अंदर लोग पार्किंग, सीढ़ियों के नीचे और कई जगहों पर कुत्तों को खिलाते हैं, जिसकी वजह से कई बार विवाद की स्थिति हो जाती है.'

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  • सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को खाना खिलाने वाले याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए घर के बाहर खाना खिलाने पर सवाल उठाए हैं.
  • सोसायटी के कुछ निवासी कुत्तों को खाना खिलाने के कारण बच्चों पर हमले और विवाद की स्थिति होने की बात करते हैं.
  • कई लोग मानते हैं कि बुजुर्गों और बच्चों की सुरक्षा के लिए सोसायटी में कुत्तों को खाना खिलाना उचित नहीं है.
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सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिन आवारा कुत्तों को खाना खिलाने मामले पर सुनवाई में याचिकाकर्ता को फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि आप घर में उन्हें खाना क्यों नहीं खिलाते हैं. इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर एक बहस सी छिड़ गई. एनडीटीवी के अश्विन कुमार सिंह ने अपनी ग्राउंड रिपोर्ट में लोगों की राय जानने की कोशिश की.

'सोसायटी में बच्चों पर करते हैं हमला'

अमित सिंह कहते हैं, आवारा कुत्तों को खाना खिलाने में कोई दिक्कत नहीं है. जबकि कुछ लोग हैं जो सोसायटी के अंदर कुत्तों को खाना खिलाते हैं, जिसकी वजह से हमारी सोसायटी के अंदर कई बार बच्चों को कुत्ते काट लेते है. पुलिस को भी इस मामले पर पूरी जानकारी नहीं है. इस वजह से यह मामला और पेचीदा हो गया है.

'जहां बुजुर्ग, बच्चे आते और जाते हैं, वहां पर कुत्तों को खाना नहीं खिला सकते'

एक अन्य निवासी दिनकर कहते है, 'जहां बुजुर्ग, बच्चे आते और जाते हैं, वहां पर कुत्तों को खाना नहीं खिला सकते. सोसायटी के अंदर लोग पार्किंग, सीढ़ियों के नीचे और कई जगहों पर कुत्तों को खिलाते हैं, जिसकी वजह से कई बार विवाद की स्थिति हो जाती है. कुत्तों की वजह से बहुत ज्यादा परेशानी होती है. बच्चे खेलने जाने से डरते हैं. कई बार कुत्तों का विरोध किया गया, लेकिन डॉग लवर्स इस मुद्दे पर उग्र हो जाते हैं. इंसान और जानवरों में कोई फर्क नहीं रह गया है क्या.?'

डॉग लवर्स ने रखी अपनी राय

वहीं, इस पूरे मामले पर डॉग लवर्स या कहें जो लोग कुत्तों को फीड करते हैं, उनमे से एक हैं कीर्ति वर्मा. वह कहती हैं, 'सोसाइटी के अंदर अगर कुत्ते रहते हैं तो उसे आवारा नहीं बल्कि कम्युनिटी डॉग कहते हैं. कुत्तों को खिलाने के लिए एक निर्धारित जगह बनाई गई, लेकिन सोसाइटी के लोगों ने उसका विरोध किया. कुत्तों को लेकर हमें एक अवेयरनेस कार्यक्रम चलाना चाहिए, जब आपके सामने कुत्ते हैं तो आपको भागना नहीं है.'

विनीता कश्यप कहती हैं, 'कुत्ते खुद नहीं काटते हैं, जब उन्हें परेशान किया जाता है, तब वो काटने के लिए भागते हैं. हम सिर्फ एक बार खाना देते हैं, लेकिन उनको दिन में तीन बार खाना देना चाहिए.'

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