दक्षिण चेन्नई से भाजपा की उम्मीदवार तमिलिसाई सुंदरराजन को इस लोकसभा क्षेत्र में बड़ी चुनावी लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है. यह क्षेत्र सत्तारूढ़ द्रमुक का गढ़ रहा है और इसका प्रतिनिधित्व वर्तमान में तमिलाची थंगापांडियन कर रहे हैं. उनका मुकाबला अन्नाद्रमुक के जे जयवर्धन से भी है. इस बार का मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है क्योंकि तीनों नेता मतदाताओं के बड़े वर्ग के बीच लोकप्रिय हैं.
सुंदरराजन ने एक साक्षात्कार में एनडीटीवी को बताया, "मुझे विश्वास है कि मैं इस निर्वाचन क्षेत्र का नेतृत्व कर सकती हूं." उन्होंने दक्षिण चेन्नई से लड़ने का मौका देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. सुंदरराजन डॉक्टर भी हैं. उन्होंने कहा, "लोग बदलाव चाहते हैं. मैं दक्षिण चेन्नई में अच्छा बुनियादी ढांचा तैयार करना चाहती हूं. मैं यहां दशकों से मतदाता रही हूं. मैं इस निर्वाचन क्षेत्र के हर कोने को जानती हूं."
उन्होंने कहा, "मुझे पहले बीमारी का निदान करना होगा."
हालांकि, सुंदरराजन का काम आसान नहीं होगा. तमिलनाडु में जीतना ऐतिहासिक रूप से एक ऐसा काम रहा है, जो भाजपा के लिए लगभग असंभव है.सुंदरराजन ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि वह इसे बदल सकती हैं.
पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के साथ भाजपा का गठबंधन इसे एक मौका देता है, क्योंकि पीएमके का तमिलनाडु के उत्तरी क्षेत्र में चुनावी दबदबा है. यहां वन्नियार उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने में महत्वपूर्ण हैं. वन्नियार सबसे पिछड़े वर्ग (एमबीसी) से हैं. कई निर्वाचन क्षेत्रों में इनकी संख्या चुनाव का रुख तय करती है.
सुंदरराजन ने कहा कि तमिलनाडु में जीतने के लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि लोग राष्ट्रीय और राज्य हितों को समझें.
दक्षिण चेन्नई निर्वाचन क्षेत्र में 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होगा.