पैसे के बदले सवाल पूछने के मामले में टीएमसी नेता मुहआ मोइत्रा की मुसीबतें कम होती नहीं दिख रही है. पिछले दिनों ही महुआ मोइत्रा एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुई थीं. अब इस मामले पर एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट भी सामने आ गई है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि मामले की जांच के बाद संसदीय एथिक्स कमेटी (Parliament Ethics Committee) ने महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है.आज शाम 4 बजे महुआ मामले पर एथिक्स कमेटी की बैठक होनी है.
एथिक्स कमिटी के सदस्य और बीजेपी सांसद राजदीप रॉय ने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि जो आरोप लगे हैं उसे कमेटी ने काफी गंभीर माना है. ये मामला सीधा-सीधा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है. जैसे 2019 में जम्मू कश्मीर डीलिमिटेशन बिल आया था वह पहले ही लीक हो गया था और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता था. मोइत्रा को 2 नवंबर को पेशी के दौरान दो घंटे तक अपनी बात रखने का मौका मिला. लेकिन जब उनसे सवाल जवाब शुरू हुआ तो उनके पास जवाब नहीं था और उन्होंने हंगामा कर दिया. मनी ट्रेल तो कोई जांच एजेंसी देखेगी न, हमने उसपर भी विचार किया है और अपनी अनुशंसा देंगे.
महुआ मोइत्रा पर एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट
सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा के व्यवहार को अनैतिक मानते हुए उनकी संसद सदस्यता रद्द करने की सिफ़ारिश की गई है. इसके अलावा रिपोर्ट में कई और बिंदुओं पर भी फ़ोकस किया गया है. महुआ मोइत्रा के ख़िलाफ़ आरोप लगाने वाले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया साइट X पर दावा किया है कि इस मामले की CBI जांच होगी. कैश-फॉर-क्वेरी" मामले की सुनवाई कर रही संसद की एथिक्स कमेटी अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट पर विचार कर उसे एडाप्ट कर सकती है.
महुआ मोइत्रा पर क्या है आरोप?
महुआ मोइत्रा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अदाणी समूह को निशाना बनाने के लिए संसद में सवाल पूछने के एवज में व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेने का आरोप लगा है. निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को 15 अक्टूबर को एक चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा द्वारा लोकसभा में हाल के दिनों तक पूछे गए 61 सवालों में से 50 सवाल अडाणी समूह पर केंद्रित थे. ये आरोप बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लगाया है. इसे लेकर निशिकांत ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को एक पत्र भी लिखा था. इस पत्र में महुआ को संसद से तत्काल निलंबित करने की मांग की गई थी.
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