कंझावला केस में पीड़िता का अंतिम संस्कार मंगलवार को भारी सुरक्षा के बीच कर दिया गया है. इस मामले में एनडीटीवी में सूत्रों के हवाले से कई खुलासे किए हैं.
इस दर्दनाक हादसे के 13 किलोमीटर के रूट पर 5 पीसीआर वैन तैनात थीं. 5 -6 पीसीआर कॉल हुईं. चश्मदीद दीपक से 20 से ज्यादा बार पुलिस अफसरों ने बात की. उसके बाद आरोपियों को पकड़ने के लिए कुल 9 पीसीआर वैन को लगाया गया था और लोकल पुलिस भी आरोपी खोज रही थी, लेकिन फिर भी मौके से आरोपियों को दिल्ली पुलिस नहीं पकड़ पाई.
पहली पीसीआर कॉल रात 2 :18 बजे मिली, जिसमें एक शख्स ने दुर्घटना के बारे में बताया. दूसरी पीसीआर कॉल 2 :20 पर मिली, ये भी दुर्घटना के बारे में थी. इसके बाद 2 पीसीआर कॉल 3:24 बजे के आसपास दीपक ने की, उसने बताया कि कार में किसी का शव लटका है.
फिर 4:26 बजे और 4:27 बजे साहिल नाम के शख्स ने 2 पीसीआर कॉल कर बताया कि सड़क पर एक महिला का शव पड़ा हुआ है. उस रास्ते पर कुल 5 पीसीआर वैन थीं, लेकिन सीरियस कॉल को देखते हुए कुल 9 पीसीआर वैन को लगाया गया, लेकिन कोई भी पीसीआर कार को नहीं खोज पाई.
दावा किया जा रहा है कि रात में धुंध थी और पीसीआर के पहुंचने के पहले कार निकल जाती थी, जबकि पीसीआर का रिस्पॉन्स टाइम ठीक था. दिल्ली पुलिस कमिश्नर को इस बारे में रिपोर्ट सौंपी गई.
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