NDTV इलेक्शन कार्निवल: संगम नगरी प्रयागराज में BJP या कांग्रेस? किसकी निकलेगी विजय धारा

इलाहाबाद संसदीय सीट और फूलपुर संसदीय सीट. इलाहाबाद संसदीय सीट से कुल 14 और फूलपुर संसदीय सीट से 15 प्रत्याशी हैं. दोनों सीटों पर कुल 29 प्रत्याशी आमने सामने होंगे.

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प्रयागराज:

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस बार 400 पार सीटों का टारगेट दिया है. इसके लिए बीजेपी पूरा जोर भी लगा रही है. यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं. यहां पिछले चुनाव में बीजेपी ने 80 में से 62 सीटें जीती थीं. यूपी की प्रयागराज क्षेत्र हाई प्रोफाइल सीटों में शुमार है. इस सीट पर अब तक 7 बार कांग्रेस जीती है. लेकिन 2014 और 2019 के इलेक्शन में बीजेपी को यहां से जीत मिली. प्रयागराज में दो लोकसभा सीटें आती हैं.  NDTV इलेक्शन कार्निवल मंगलवार (14 मई) को चुनावी माहौल को भांपने और वोटर का मिजाज समझने के लिए प्रयागराज पहुंचा.

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इलाहाबाद संसदीय सीट और फूलपुर संसदीय सीट. इलाहाबाद संसदीय सीट से कुल 14 और फूलपुर संसदीय सीट से 15 प्रत्याशी हैं. दोनों सीटों पर कुल 29 प्रत्याशी आमने सामने होंगे. लेकिन मुकाबला NDA और INDIA के वारिस का है. BJP ने यूपी के पूर्व राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी के बेटे नीरज त्रिपाठी को मौका दिया है. उनके मुकाबले के लिए कांग्रेस ने रेवती रमण के बेटे उज्जवल रमण को उतारा है. प्रयागराज में 25 मई को मतदान होना है.

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इलाहाबाद संसदीय सीट पर कौन-कौन लड़ रहा चुनाव?
इलाहाबाद संसदीय सीट पर कांग्रेस ने उज्जवल रमण सिंह को मौका दिया है. बीजेपी ने नीरज त्रिपाठी पर दांव लगाया है. बीएसपी ने रमेश पटेल को उम्मीदवार बनाया है. अजीत कुमार पटेल प्रगतिशील समाज पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरे हैं. राष्ट्रीय समाज दल ने राजधर सिंह पटेल पर भरोसा जताया है. गोपाल स्वरूप जोशी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. कमेरा समाज पार्टी ने सर्वजीत सिंह को मौका दिया है. पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया ने हेमराज सिंह को कैंडिडेट बनाया है. भागीदारी पार्टी ने राजेंद्र प्रसाद प्रजापति को टिकट दिया है. अपना दल कमेरावादी ने हंसरोज कोल पर दांव लगाया है. गीता रानी शर्मा निर्दलीय उम्मीदवार हैं. सम्यक पार्टी ने शिव प्रसाद विश्वकर्मा पर भरोसा जताया है. जबकि अनुज स्वरूप शुक्ला और अवनीश कुमार निर्दलीय उम्मीदवार हैं.

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फूलपुर से 15 उम्मीदवार आजमा रहे किस्मत
फूलपुर में सपा ने अमरनाथ मौर्य को मौका दिया है.  बीएसपी ने जगन्नाथ पाल को उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी ने प्रवीण सिंह पटेल पर दांव खेला है. बहुजन आवाम पार्टी ने जिलाजतीत भारतीय पर भरोसा जताया है. प्रमोद कुमार पटेल सरदार पटेल सिद्धांत पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरे हैं. महिला पटेल अपना दल कमेरावादी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. मुशीर अहमद सिद्दिकी को पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया ने कैंडिडेट घोषित किया है. योगेश कुमार कुशवाहा प्रगति समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. लाला राम सरोज प्रबुद्धवादी बहुजन समाज पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ रहे हैं. सुनील कुमार भागीदारी पार्टी के उम्मीदवार हैं. संगीता यादव सुभाष पार्टी की कैंडिडेट हैं. संजीव कुमार मिश्र युवा विकास पार्टी के उम्मीदवार हैं. नफीस अहमद बीएसपी के कैंडिडेट हैं. अखिलेश त्रिपाठी और डॉ. नीरज निर्दलीय कैंडिडेट हैं.

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क्या कहती है बीजेपी?
बीजेपी नेता निर्मला पासवान ने कहा, "बीजेपी ने यूपी में विकास के काम किए हैं. हमने बेरोजगारी को कम करने के लिए नौकरियां भी पैदा की हैं और भर्तियां भी की हैं. बीजेपी वो पार्टी है, जो महिलाओं की सुरक्षा का खास ख्याल रखती है. पीएम मोदी और सीएम योगी के नेतृत्व में यूपी निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर है. प्रयागराज की जनता इस बार भी बीजेपी को जिताएगी."

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क्या कहती है कांग्रेस?
कांग्रेस पार्टी के पूर्व जिला शहर अध्यक्ष प्रदीप शर्मा कहते हैं, "प्रयागराज संगम की नगरी है. ये शहर नौजवानों और वकीलों का है. मनमोहन सिंह के कार्यकाल के समय कांग्रेस ने गंगा नदी को राष्ट्रीय नदी घोषित किया था. आज स्थिति ये है कि आप संगम के इस पार से उस पार पैदल जा सकते हैं. नदी में जल नहीं है. बीजेपी ने डैम बनाकर पानी रोक दिया है. प्रयागराज की जनता को इस बार कांग्रेस को मौका देना चाहिए. ताकि जो काम अधूरे रह गए थे, उन्हें पूरा किया जा सके."

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क्या कहती है बीएसपी?
बीएसपी नेता चौधरी सईद अहमद कहते हैं, "बीएसपी ने 4 बार यूपी में सरकार बनाई है. कानून-व्यवस्था को लेकर बीएसपी ने जो मिसाल पेश की है, वो जनता को आज तक याद है. अब तक यूपी में कोई भी सरकार हमारी जैसी मिसाल पेश नहीं कर पाई. हमारी सरकार के समय नौकरी, महंगाई, बेरोजगारी काबू में था. हर सेक्टर में हर वर्ग के लोगों की भागीदारी थी. उम्मीद है कि इस बार भी बीएसपी को जनता का आशीर्वाद मिलेगा. अगर मायावती को पीएम बनने का मौका मिला, तो देश में जो उन्माद है वो खत्म हो जाएगा."

क्या कहती है सपा?
सपा नेता और प्रवक्ता नेहा यादव कहती हैं, "प्रयागराज युवाओं का शहर है. युवाओं में आज असंतोष की भावना है. प्रयागराज के प्रतियोगी छात्र पेपर लीक की समस्या से जूझ रहे हैं. उनके सामने बेरोजगारी का संकट भी है. इसलिए अखिलेश यादव ने ऐलान किया है कि INDIA गठबंधन की सरकार बनेगी तो केंद्र में रिक्त 30 लाख पदों को भरा जाएगा. यूपी में खाली पड़े सरकारी पदों को भरा जाएगा. इसलिए वोटरों को सपा को मौका देना चाहिए."

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प्रयागराज के चुनावी मुद्दे?
प्रयागराज में चुनावी मुद्दे महंगाई, बेरोजगारी है. ज्यादातर लोग उसी से परेशान हैं. यहां नाविकों के कुछ स्थानीय मुद्दे भी हैं. कुछ नाविकों का कहना है कि उन्हें सरकारी योजनाओं और मुफ्त राशन का लाभ नहीं मिल पा रहा. जबकि कुछ मतदाताओं ने सड़क, बिजली और बुनियादी सुविधाओं को चुनावी मुद्दा माना है.

क्या है वोटर्स का मिजाज?
प्रयागराज में चुनावी मुद्दे भले ही महंगाई और बेरोजगारी हो. बेशक इलाहाबाद में 14 प्रत्याशी खड़े हों, लेकिन माहौल बीजेपी का ही दिखता है. एक मतदाता बताते हैं, "पीएम मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है. उत्तर प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है. निश्चित तौर पर प्रयागराज को विकास के रास्ते पर ले जाने वाली पार्टी बीजेपी ही है." दूसरे मतदाता कहते हैं, "BJP के शासन में असुरक्षा की भावना और गुंडागर्दी खत्म हुई है. उनका वोट बीजेपी उम्मीदवार के लिए जाएगा."

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