ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राजनीति में अपने 25 साल पूरे कर लिए हैं. 1 जून, 1997 को अस्का लोकसभा क्षेत्र से पहली बार वो सांसद चुने गए थे. पिता की मौत के बाद उन्होंने सियासत में कदम रखा था. उनके पिता बीजू पटनायक ओडिशा के जाने माने नेता थे. पिता की मौत के बाद उन्होंने बीजू जनता दल का गठन किया था. और उसके बाद से लंबे समय से वो राज्य के मुख्यमंत्री हैं. 2000, 2004, 2009, 2014 और 2019 में लगातार पांच बार विधानसभा चुनाव जीतकर उनके नेतृत्व में बीजू जनता दल ने ओडिशा में सरकार बनाया है.
नवीन पटनायक को एक कुशल प्रशासक माना जाता रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने ज़ीरो कैजुअल्टी के मॉडल के साथ चक्रवात फैलिन के बाद आपदा प्रबंधन के कुशल संचालन के लिए उन्हें सम्मानित किया था. कोरोना संकट के समय भी राज्य में हालत को काबू रखने के लिए उन्होंने बेहतर काम कर के दिखाया. पटनायक की पहचान कम बोलने वाले नेता के तौर पर भी रही है. वो चुनावी सभाओं में लंबी भाषण नहीं देते हैं. नवीन पटनायक लंबे समय तक एनडीए के सहयोगी रहे थे, हालांकि बाद में उन्होंने अपने आप को एनडीए कर लिया लेकिन समय और मुद्दों के आधार पर बीजद की तरफ से केंद्र में समर्थन और विरोध होते रहे हैं. हाल ही में नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है.
मुख्यमंत्री कार्यालय ने बैठक के एजेंडे का खुलासा नहीं किया है. लेकिन पार्टी सूत्रों ने कहा कि पटनायक की प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के दौरान अन्य मामलों के अलावा राष्ट्रपति चुनाव पर भी चर्चा होने की बात कही है. मुख्यमंत्री पटनायक ने एक निजी समाचार चैनल से बात करते हुए कहा था कि उनकी पार्टी राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामांकित होने के बाद ही अपने कदम पर फैसला करेगी.
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